कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने एतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने इसकी जानकारी एक्स पर एक पोस्ट में दी है। अनुरा के चुनाव जीतने से श्रीलंका के एतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई वामदल का नेता राष्ट्रपति बनेगा।

अपनी जीत पर बोलते हुए अनुरा ने कहा है कि "सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता एक नई शुरुआत का आधार है।" श्रीलंका के चुनाव आयोग ने अनुरा कुमारा दिसानायके के जीत का ऐलान किया है।

आयोग के अनुसार, अनुरा को इस चुनाव में 42.31 फीसदी वोट मिले हैं जबकि विपक्षी नेता सजीथ प्रेमदासा दूसरे स्थान पर थे। इस चुनाव में विक्रमसिंघे तीसरे स्थान पर थे। अनुरा सोमवार 23 सितंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं।

भारत के राजदूत ने अनुरा से की मुलाकात

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के ऐलान के बाद श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने रविवार रात को श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा से मुलाकात की है। वे उनसे मुलाकात करने वाले पहले राजदूत हैं।

श्रीलंका के इतिहास में दूसरी वरीयता में हुई है वोटों की गिनती

श्रीलंका के चुनाव आयोग के अध्यक्ष आरएलएएम रत्नायके ने रविवार को ऐलान किया था कि राष्ट्रपति चुनाव की गिनती में किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक संख्या में वोट नहीं मिले है। इस कारण वोटों की दोबारा गिनती की जाएगी और जिस उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलेंगे उसकी जीत होगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1981 के तहत राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट मिलना जरूरी है। ऐसे में वोटों की गिनती के दौरान किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे जिसके बाद दोबारा मतगणना हुई थी। यह श्रीलंका की इतिहास में पहली बार हुआ है।