तेल अवीवः इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कैसरिया स्थित निजी आवास को शनिवार (19 अक्टूबर) को लेबनान से आए एक ड्रोन ने निशाना बनाया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि हमले के समय नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा घर पर मौजूद नहीं थे और इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान से आए ड्रोन ने हाइफा के दक्षिणी क्षेत्र कैसरिया में नेतन्याहू के निजी आवास के पास विस्फोट किया।
इमारत को नुकसान, कोई हताहत नहीं
लेबनान से दागे गए दो अन्य ड्रोन इजराइली वायु रक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट कर दिए गए, जिससे तेल अवीव क्षेत्र में सायरन बजने लगे। हालांकि, तीसरा ड्रोन कैसरिया में एक इमारत से टकराया, जिससे जोरदार धमाका हुआ। सऊदी मीडिया आउटलेट अल-हदाथ के अनुसार, इस हमले में इमारत का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ड्रोन ने लेबनान से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
याह्या सिनवार की मौत से बढ़ा तनाव
यह हमला उस वक्त हुआ जब तीन दिन पहले इजराइली सेना ने हमास प्रमुख याह्या सिनवार को मार गिराया था, जो 7 अक्टूबर 2023 के इजराइली हमले का मास्टरमाइंड था। इजराइल ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को औपचारिक रूप से सिनवार की मौत की घोषणा की, जिसे हमास शासन के पतन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया। सिनवार की मौत के बाद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने इजराइली दुश्मन के खिलाफ चेतावनी दी थी, जिससे क्षेत्र में तनाव और भड़क गया।
गाजा में तबाही और युद्ध का ऐलान
हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमलों में लगभग 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंदी बना लिया गया था। इसके जवाब में इजराइल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अब तक 42,500 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और करीब 99,546 लोग घायल हुए हैं।
हमास और एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस ने क्या कहा?
याह्या सिनवार की मौत के बाद हमास ने अपने संघर्ष को जारी रखने की घोषणा की। हमास के उप-प्रमुख खलील अल-हया ने कहा कि “हमास अपने नेता की मौत के बावजूद पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर उभरेगा।” ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी कहा कि सिनवार की मौत से “एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस” नहीं रुकेगा और यह मोर्चा प्रमुख नेताओं के शहीद होने के बावजूद आगे बढ़ता रहेगा।
पश्चिम एशिया में बढ़ा तनाव
नेतन्याहू के आवास पर हुए इस ड्रोन हमले और हमास के प्रमुख की मौत के बाद क्षेत्र में एक बड़े युद्ध की आशंका और गहरा गई है। ईरान समर्थित समूहों और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पश्चिम एशिया में एक व्यापक संघर्ष की संभावना अब अधिक बढ़ गई है।