मुंबईः शनिवार की रात, मुंबई के पूर्व मंत्री और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। 66 वर्षीय सिद्दीकी को बंदूकधारियों ने उनके पेट और सीने पर गोलियां मारीं। घटना के बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
यह घटना रात 9:30 बजे के करीब बांद्रा ईस्ट स्थित उनके बेटे और विधायक ज़ीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर हुई। बाबा सिद्दीकी दशहरा के मौके पर पटाखे फोड़ रहे थे, तभी तीन नकाबपोश हमलावर एक गाड़ी से बाहर निकले और 9.9 मिमी पिस्तौल से फायरिंग कर दी। एक गोली सिद्दीकी के सीने में लगी, जिससे वह वहीं गिर पड़े। हमलावरों द्वारा चलाई गई गोलियों में से एक उनकी कार की विंडशील्ड से भी टकराई। घटनास्थल से तीन गोली के खोखे बरामद किए गए।
आरोपियों ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया
पुलिस के दावों के अनुसार सिद्दीकी पर तीन लोगों ने गोलियां चलाईं। मुंबई पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान कर्नैल सिंह (हरियाणा) और धरमराज कश्यप (उत्तर प्रदेश) के रूप में की गई है। दोनों ने पूछताछ में खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया। पुलिस को संदेह है कि इन आरोपियों ने एक महीने से बाबा सिद्दीकी की गतिविधियों पर नजर रखी थी। तीसरा आरोपी अभी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
तीनों आरोपी एक ऑटो रिक्शा में वहां पहुंचे थे और फायरिंग करने से पहले कुछ देर तक इंतजार किया था। सूत्रों के अनुसार पुलिस मामले की दो एंगल से जांच कर रही है। एक बिश्नोई गैंग से जुड़ा है और दूसरा झुग्गी पुनर्वास मामले से संबंधित है। बाबा सिद्दीकी ने कभी भी बिश्नोई गैंग से किसी तरह के खतरे की बात नहीं कही थी। लॉरेंस बिश्नोई पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह गुजरात की जेल में बंद हैं।
बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की दो महीने से कर रहे थे रेकी
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच इस हत्याकांड की जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें हत्या के लिए पहले ही पैसे दे दिए गए थे और हत्या में इस्तेमाल हथियार कुछ दिन पहले ही उन्हें मुहैया कराए गए थे। पुलिस के अनुसार, आरोपी सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी लगभग दो महीने से कर रहे थे।
बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। पुलिस के अनुसार, जान से मारने की धमकी मिलने के बाद बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा बढ़ाकर वाई श्रेणी कर दी गई थी। महाराष्ट्र सरकार ने इस हत्याकांड पर तेजी से कार्रवाई करते हुए तीसरे आरोपी की तलाश के लिए कई टीमें गठित की हैं। पुलिस का कहना है कि यह घटना पूरी योजना के साथ अंजाम दी गई थी और इसके पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं।
बाबा सिद्दीकी का जीवन और राजनीतिक सफर
बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर, 1958 को पटना में हुआ था। मुंबई में पले-बढ़े सिद्दीकी ने 1977 में कांग्रेस पार्टी जॉइन की और अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के चलते युवाओं में लोकप्रिय हो गए। उन्होंने 1988 में मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाला और 1999 में बांद्रा वेस्ट से पहली बार विधायक चुने गए। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने तीन बार बांद्रा वेस्ट का प्रतिनिधित्व किया और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कार्य किया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विपक्ष का हमला
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे जो भी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने भी सिद्दीकी की मौत पर शोक व्यक्त किया, उन्हें “अच्छा सहयोगी और मित्र” बताया। पवार ने इस घटना की विस्तृत जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कारोबारी बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी की हत्या को हैरान करने वाली घटना बताया है। राहुल से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सोशल प्लेटफॉर्म पर बाबा की हत्या पर दुख जताते हुए जवाबदेही की मांग उठाई।
बाबा सिद्दीकी की हत्या पर राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, बाबा सिद्दीकी की हत्या चौंकाने वाली घटना है। यह भयावह घटना महाराष्ट्र में पूरी तरह ध्वस्त कानून-व्यवस्था को उजागर करती है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व कांग्रेसी नेता रहे बाबा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री श्री बाबा सिद्दीकी का दुखद निधन शब्दों से परे सदमा पहुंचाने वाला है। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। जवाबदेही सर्वोपरि है।
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने इस हत्या के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस घटना को महाराष्ट्र की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का सबूत बताया। उन्होंने कहा, “सिद्दीकी जी ने कई बार सुरक्षा एजेंसियों को अपनी जान को खतरे के बारे में बताया था, फिर भी यह घटना हुई। यह दर्शाता है कि अपराधियों को अब कानून का डर नहीं है।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब वाई-श्रेणी सुरक्षा वाले नेता की इस तरह हत्या हो सकती है, तो आम लोगों की सुरक्षा पर क्या भरोसा किया जा सकता है?”
बॉलीवुड से सिद्दीकी के करीबी रिश्ते थे
बाबा सिद्दीकी न केवल एक प्रतिष्ठित नेता थे, बल्कि बॉलीवुड में भी उनके अच्छे संबंध थे। कई सितारे उनके करीबी माने जाते थे और उनके इफ्तार पार्टियों में नियमित रूप से शामिल होते थे। इस हत्या ने राजनीतिक और फिल्मी दुनिया दोनों को झकझोर कर रख दिया है। सिद्दीकी की हत्या के बाद बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने अपने रियलिटी शो ‘बिग बॉस 18’ की शूटिंग रद्द कर दी। और अपने शो के सेट से मुंबई के लीलावती अस्पताल पहुंचे। इस बीच, हत्या के बाद सलमान खान के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घर के बाहर किसी को ठहरने की इजाजत भी नहीं दी गई है।
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनने के बाद शनिवार की देर रात लीलावती अस्पताल पहुंचे। सलमान और बाबा सिद्दीकी करीबी दोस्त थे क्योंकि राजनेता उसी निर्वाचन क्षेत्र से आते थे जहां सलमान रहते हैं। बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी को हाई-प्रोफाइल कार्यक्रमों में से एक माना जाता था। इसमें फिल्म जगत के नामचीन लोग शामिल होते थे।
2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी ने बॉलीवुड के दो सुपरस्टार सलमान खान और शाहरुख खान के बीच लंबे समय से चले आ रहे झगड़े को खत्म किया गया था। सालों तक चले इस झगड़े ने पूरे बॉलीवुड को दो खेमों में बांट दिया था। बाबा सिद्दीकी की पार्टी में दोनों ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी थी, जिससे इंडस्ट्री में राहत की सांस ली थी और दोनों खेमों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा मिला था।