काठमांडूः नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 112 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जबकि 68 लोग अभी भी लापता हैं। नेपाल के कई हिस्सों में शुक्रवार से ही पानी भर गया है और अब तक 200 से अधिक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। हालांकि, यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
राहत और बचाव अभियान जारी
राहत कार्यों में तेजी लाते हुए नेपाल सरकार ने 3,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है। ये टीमें हेलीकॉप्टर और मोटरबोट की मदद से बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। नेपाल के राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्राधिकरण (एनडी आरआरएमए) के अनुसार, 4,12,000 से अधिक घरों पर इस आपदा का प्रभाव पड़ने की संभावना है। बाढ़ के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में कई राजमार्ग और पुल नष्ट हो गए हैं, जिससे आवाजाही में भारी बाधा आई है।
#Nepal facing the worst floods and landslides , hundreds kills and missing.
Pray for Nepal 🙏#NepalFlood pic.twitter.com/QhkuF21Py0
— Neha Gurung (@nehaGurung1692) September 29, 2024
काठमांडू के पास की नदियों ने अपने किनारों को तोड़ दिया है, जिससे कई घर पानी में डूब गए हैं। मुख्य नदी बागमती भी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। इस बीच, काठमांडू घाटी में 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। नेपाल पुलिस ने बताया कि काठमांडू को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले लगभग सभी राजमार्ग बंद हो चुके हैं।
सुरक्षा बलों ने 3 हजार से अधिक लोगों को बचाया
कई घर पानी में डूब गए हैं और लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। शहर के दक्षिणी हिस्से का एक बड़ा इलाका ज्यादातर बाढ़ग्रस्त था और चार लोगों को लेने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। ये लोग अपने घर छोड़ने में असमर्थ थे। काठमांडू के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा काफी समय तक बाधित रही।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने शनिवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने 3 हजार से अधिक लोगों को बचाया है। सरकार ने घायलों को मुफ्त इलाज और इस तबाही में अपने सिर से छत गंवा चुके लोगों के लिए जल्द से जल्द पुनर्वास का काम शुरू करने का फैसला लिया है। उन्होंने आगे कहा कि राजमार्गों को साफ करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
स्कूल बंद, परीक्षाएं स्थगित
नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि सभी स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद रखा जाएगा और मंगलवार तक विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा के कारण कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित रही हैं।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा कि “मैंने काठमांडू में इस पैमाने की बाढ़ पहले कभी नहीं देखी है।” विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण एशिया में मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन आम बात है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इन घटनाओं की गंभीरता और आवृत्ति बढ़ती जा रही है।
नेपाल में इस साल मानसून ने पिछले 54 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जब शनिवार को 24 घंटों में 323 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
— आईएएनएस की इनपुट के साथ