इस्लामाबाद और काबुल के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने शनिवार को भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान को पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर उलझाए रखना चाहता है। आसिफ का यह बयान उस समय आया जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ संघर्षविराम बनाए रखने पर सहमति जताई, जबकि दोनों देशों के बीच हाल के हफ्तों में सीमा पर हिंसक झड़पें हुई हैं।
आसिफ ने कहा, “भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान एक साथ दोनों सीमाओं पर व्यस्त रहे- पूर्वी (भारत के साथ) और पश्चिमी (अफगानिस्तान के साथ)। भारत अशरफ गनी के दौर से ही पाकिस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर चला रहा है। जरूरत पड़ी तो हम इसके सबूत भी पेश करेंगे।”
उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान इस समय भारत का प्रॉक्सी बनकर काम कर रहा है और काबुल में जो लोग कठपुतली का खेल खेल रहे हैं, उनकी डोर दिल्ली से खिंचती है।
‘दो मोर्चों पर युद्ध की तैयारी’
आसिफ ने चेतावनी दी कि भारत सीमा पर गंदा खेल खेल सकता है और कहा कि पाकिस्तान दो मोर्चों पर युद्ध के लिए भी तैयार है। यह बयान उस समय आया जब अक्टूबर की शुरुआत में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। ये झड़पें 9 अक्टूबर से शुरू हुईं और 18-19 अक्टूबर को दोहा में युद्धविराम समझौते के बाद थमीं।
पाकिस्तान मानता है कि अफगान भूमि से आतंकवाद पूरी तरह खत्म होना चाहिए और इसी मुद्दे पर कतर और तुर्की की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। समझौते में तीन प्रमुख बिंदु तय हुए हैं- संघर्षविराम जारी रखना, उसकी निगरानी के लिए संयुक्त तंत्र बनाना और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना।
तालिबान ने कहा- पाकिस्तानी सेना नहीं चाहती रिश्ते सुधरें
उधर, तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने रविवार को पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार अफगानिस्तान से सामान्य संबंध बनाना चाहती है, लेकिन पाकिस्तानी सेना ऐसा नहीं होने दे रही। अफगान मीडिया स्थित टोलो न्यूज ने खैबर टीवी के हवाले से बताया कि मुजाहिद ने कहा, “पाकिस्तान के विशेष दूत सादिक खान ने काबुल में अफगान अधिकारियों से सकारात्मक बातचीत की थी, लेकिन उसी दौरान पाकिस्तान ने अफगान क्षेत्र में हमले किए। नागरिक सरकार रिश्ते बनाना चाहती है, सेना उन्हें तोड़ देती है।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के व्यापारी सीमा बंद होने से नुकसान झेल रहे हैं और “ऐसे मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए।” मुजाहिद ने यह भी कहा कि इमरान खान के कार्यकाल में अफगान-पाक संबंध मजबूत थे, लेकिन अब सेना के हस्तक्षेप से हालात बिगड़ रहे हैं।
‘अगर पाकिस्तान को खतरा है, तो जानकारी साझा करे’
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि अगर पाकिस्तान के पास सबूत हैं कि अफगान भूमि से आतंकी घटनाएं हो रही हैं, तो हमें जानकारी दें ताकि हम कार्रवाई कर सकें। इस्लामिक अमीरात पाकिस्तान में अस्थिरता नहीं चाहता और अफगान सरजमीं से कोई खतरा न उठे, इसका हम पालन कर रहे हैं।
हालांकि, मुजाहिद ने यह भी कहा कि “पाकिस्तान चाहता है कि हम उसके अंदर की घटनाओं को रोकें, लेकिन यह हमारी सीमा से बाहर का मामला है।”
कुनर नदी पर नया विवाद
जब उनसे कुनर नदी पर अफगानिस्तान द्वारा बनाए जा रहे बांध को लेकर पाकिस्तान की आपत्ति के बारे में पूछा गया, तो मुजाहिद ने कहा कि यह अफगानिस्तान का अधिकार है। अगर बांध बनेगा तो पाकिस्तान को कोई नुकसान नहीं होगा, पानी अपने प्राकृतिक रास्ते से बहता रहेगा, बस हम बीच में उसका उपयोग करेंगे। अक्टूबर की शुरुआत में अफगान सरकार ने कुनर नदी पर जल्द से जल्द बांध बनाने की योजना की घोषणा की थी।

