तिरुवनंतपुरम: केरल के कासरगोड जिले के उडुमा से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। वीडियो पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से सोशल मीडिया पर चल रहा है। इसमें 35 साल की संगीता पीवी ने अपने पिता और वामपंथी नेता पीवी भास्करन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस वीडियो ने परिवार में चल रहे आंतरिक कलह को भी उजागर कर दिया है। वीडियो में दिख रही संगीता का दावा है कि उसे अपने ही घर में बंधक बनाकर रखा गया है।
पिछले साल एक गंभीर दुर्घटना के बाद कमर से नीचे लकवाग्रस्त हो चुकी संगीता का आरोप है कि उसके परिवार ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। संगीता के अनुसार खासकर राशिद नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने की उसकी इच्छा को लेकर उसे परिवार में ही प्रताड़ित किया जा रहा है।
वेबसाइट एशियानेट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार 21 अक्टूबर से वायरल हो रहे इस वीडियो में संगीता न्याय की गुहार लगा रही हैं और विपक्षी नेताओं व मीडिया से हस्तक्षेप कर सच्चाई उजागर करने का आग्रह कर रही हैं।
बाद में पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में संगीता ने यह भी दावा किया है उनके 73 वर्षीय प्रभावशाली पिता CPI (M) शाखा समिति के सदस्य पीवी भास्करन अपने धार्मिक पूर्वाग्रह के कारण उनकी आजादी में बाधा डाल रहे हैं। संगीता तलाकशुदा हैं।
सीपीएम नेता भास्करन ने क्या कहा?
भास्करन ने वीडियो सामने आने के बाद अपनी पत्नी, बेटे और संगीता के छोटे बेटे की मौजूदगी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया था। उन्होंने राशिद के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, जो संगीता की दुर्घटना के बाद आयुर्वेदिक उपचार और उसके बाद की चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रहा था।
भास्करन के अनुसार राशिद पेशेवर के तौर पर जुड़ा था, जो एक रिश्तेदार की सिफारिश पर हुई थी। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान राशिद को परिवार की ओर से 4.75 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
साथ ही उन्होंने कहा कि राशिद पहले से ही शादीशुदा हैं और उसके दो बच्चे हैं, और उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई हुई है। भास्करन ने कहा कि वह अपनी बेटी के राशिद के साथ रिश्ते से खुश होते अगर वह शादी-शुदा नहीं होता।
भास्करन मे ये भी कहा कि संगीता की चिकित्सा जरूरतों, जिन पर लगभग 52 लाख रुपये खर्च हुए हैं, और उसके भविष्य से जुड़ी जटिल भावनात्मक उलझनों को ठीक करने को लेकर परिवार तनाव में है। भास्करन ने कहा कि उनकी बेटी के दावों के बावजूद, उनमें कोई सांप्रदायिक पूर्वाग्रह नहीं है, और उन्हें इस तरह का लेबल लगाए जाने से गहरा दुख होता है।
सीपीआई (एम) नेता ने ये स्वीकार किया कि हालाँकि उन्होंने अपनी बेटी संगीता का फोन जब्त कर लिया था, फिर भी वह किसी डिवाइस के जरिए अपना वीडियो बनाने में कामयाब रही। सीपीएम नेता ने कहा कि उन्हें शक है कि यह डिवाइस उनकी बेटी को गुप्त रूप से राशिद की ओर से दिया गया था।
भास्करन ने कहा, ‘मैं एक कम्युनिस्ट हूँ, मैं 18 साल की उम्र से पार्टी का सदस्य हूँ। मैं जाति या धर्म नहीं देखता। लेकिन मुझे इस बात का गहरा दुख है कि मेरी अपनी बेटी को यह कहने पर मजबूर किया गया कि मैं सांप्रदायिक हूँ।’
संगीता के आरोप…हाई कोर्ट भी पहुंचा मामला
दूसरी ओर संगीता जो कि तलाकशुदा हैं, उन्होंने यह आशंका भी जताई है कि उनका परिवार बीमा राशि का दावा करने के लिए उन्हें कोमा में डालने की साजिश रच रहा है। संगीता ने ये भी आरोप लगाया है कि पिता के परिवार ने उनके तलाक के समझौते के पैसे और सोना हड़प लिया है।
इस बीच ताजा अपडेट के अनुसार मामला केरल हाई कोर्ट भी पहुंचा। संगीता के दोस्त अर्जुन द्वारा उसकी रिहाई की माँग करते हुए याचिका दायर की गई। हालाँकि, अदालत ने अर्जुन की मंशा पर संदेह के चलते याचिका खारिज कर दी और मामले को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। सीपीआई (एम) नेता भास्करन के कानूनी प्रतिनिधियों ने इस पूरे मामले में राशिद की भूमिका को लेकर भी चिंता जताई है।
अदालत ने भास्करन के वकील पीके सुभाष की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने कहा, ‘यह पूरा मामला रशीद नाम के एक व्यक्ति ने उठाया है, जिसका नाम पुलिस ने भी लिया है, और उनके मुवक्किल और उनका परिवार उससे डरते हैं।’ इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन को परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

