श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सोमवार को सेना की गाड़ी पर हुए आतंकी हमले के बाद तलाशी अभियान जारी है। इस घटना में 5 जवानों की मौत हो गई थी, जबकि 5 घायल हुए हैं। यह घटना दिन में करीब 3.10 बजे हुई जब सेना का काफिला बडनोटा गांव में एक नाले के ऊपर बने पुलिया से गुजर रहा था। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों की तादाद बड़ी थी। एक रक्षा सूत्र ने इस घटना को अत्यधिक 'दुस्साहसपूर्ण आतंकी कार्रवाई' बताते हुए कहा कि लगभग दो महीने पहले क्षेत्र में एक बड़े ग्रुप द्वारा घुसपैठ किए जाने इनपुट मिले थे।

सूत्रों ने बताया कि हमले की यह घटना उत्तरी और पश्चिमी कमान के बीच इंटर-फॉर्मेशन बाउंड्री पर हुई। हमले की चपेट में आए सैनिक उन अतिरिक्त सैनिकों में से थे जिन्हें कुछ हफ्ते पहले इलाके में तैनात किया गया था। सूत्रों के मुताबिक काफिले पर दो तरफ से हमला किया गया।

आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका, गोलीबारी की और भाग गए

सामने आई जानकारी के अनुसार आतंकियों ने पहले एक गाड़ी पर ग्रेनेड फेंका और फिर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि जैसे ही सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की, आतंकवादी पास के घने जंगल वाले इलाके में भाग गए। सोमवार देर रात तक गोलीबारी जारी थी और घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया था। सूत्रों ने कहा कि हमलावरों की तलाशी जारी है। पैरा (स्पेशल फोर्स) के जवान मंगलवार को ऑपरेशन में शामिल होंगे।

कठुआ में एक तरफ पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा है। दूसरी तरफ पंजाब और हिमाचल प्रदेश है। यह जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, डोडा और सांबा जिलों से भी सटा हुआ है। साथ ही जिस बडनोटा गांव के पास हमला हुआ, वह कठुआ शहर से लगभग 150 किलोमीटर दूर मछेड़ी और लोहाई मल्हार के बीच में पड़ता है। मछेड़ी 1990 के दशक के मध्य और 2000 के दशक के शुरुआत के बीच आतंकवाद का बड़ा केंद्र था। ऐसे में यहां पहले से ही सुरक्षा बलों का एक बेस बना हुआ है।

अधिकारियों के अनुसार आसपास के जिलों से आतंकी मूवमेंट की खबरें मिलने के बाद जवान उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके और लोहाई मल्हार के ऊंचे इलाकों की ओर बढ़ रहे थे।

पहले रेकी, फिर हमला...कश्मीर टाइगर्स गुट ने ली जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने हमले को अंजाम देने से पहले इलाके की रेकी भी की थी। आतंकियों ने घात लगाकर हमला ऐसी जगह पर किया जहां सड़क सही नहीं है। वाहन की रफ्तार भी 10-15 किलोमीटर से अधिक नहीं की जा सकती है। यह बातें भी सामने आई हैं कि आतंकी एडवास हथियारों से लैस थे।

इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के एक आतंकी गुट ने ली है। बताया जाता है कि यह गुट आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की एक शाखा है। पिछले 2 माह में सेना के वाहन पर यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

इस पूरी घटना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'बडनोटा, कठुआ (जम्मू-कश्मीर) में एक आतंकवादी हमले में हमारे पांच बहादुर भारतीय सैनिकों की मौत से मुझे गहरा दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, इस कठिन समय में राष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है। आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं और हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले में घायल हुए जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।'

वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर लिखा, 'कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए बहादुर सैनिकों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों का संयुक्त अभियान जारी है। नागरिकों से मेरी विनम्र अपील है कि वे घबराएं नहीं। हमें अपने सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा है और हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।'

कठुआ में पिछले महीने भी हुई थी मुठभेड़

कठुआ में पिछले महीने भी मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षा बलों ने 11-12 जून को हीरानगर तहसील के सैदा गांव में दो आतंकवादियों को मार गिराया था। गोलीबारी में सीआरपीएफ के एक जवान की भी जान चली गई थी। अधिकारियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से जिले में घुसपैठ करने के बाद ये आतंकवादी उधमपुर की ओर जा रहे थे।

साथ ही 11-12 जून की दरम्यानी रात को डोडा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों के एक नाके पर भी हमला किया गया था। इसमें पांच सैनिक और एक एसपीओ घायल हो गए थे। हमले में कथित रूप से शामिल तीन आतंकवादियों को बाद में 26 जून को पुलिस और सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। इससे पहले 9 जून को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को लेकर कटरा जा रही बस पर हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी।