बेंगलुरुः पूर्व न्यायाधीश माइकल डी कुन्हा की अध्यक्षता वाली आयोग की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान कर्नाटक में पीपीई किट की खरीद में अनियमितताओं के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
यह मामला 2020 में 3 लाख पीपीई किट के चीनी कंपनियों से खरीद को लेकर उठाए गए सवालों के कारण सामने आया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कर्नाटक राज्य मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन ने घरेलू कंपनियों की अपेक्षा महंगी विदेशी कंपनियों को प्राथमिकता दी, जिसमें डीबीएच ग्लोबल और बिग फार्मास्युटिकल्स के नाम शामिल हैं। इससे राज्य को लगभग 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
चीनी कंपनियों से महंगे दाम पर खरीदी गई किट्स
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मार्च और अप्रैल 2020 में पीपीई किट्स, दवाएं, और चिकित्सा उपकरण खरीदने का निर्णय लिया था। डीबीएच ग्लोबल ने प्रति किट लगभग 2117 रुपये का मूल्य तय किया था, जबकि घरेलू कंपनियां लगभग 400 से 1444 रुपये प्रति किट पर ये सुविधा दे रही थीं। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि देश में पर्याप्त पीपीई कीट की उपलब्धता के बावजूद इसे चीन-हांगकांग से खरीदा गया जिससे करीब 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कमीशन की रिपोर्ट में पाया गया कि रिकॉर्ड्स को मैनिपुलेट करके विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। इसके परिणामस्वरूप, राज्य सरकार ने एक विशेष जांच टीम (SIT) और सात-सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति गठित की है।
मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट कांग्रेस के इस आरोप को साबित करती है कि “तत्कालीन सरकार ने स्थिति का दुरुपयोग करते हुए शवों पर पैसा कमाया। महामारी के दौरान कोई भी उनसे सवाल नहीं कर सकता था। उस स्थिति का फायदा उठाते हुए, तत्कालीन सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए लूटपाट की और अपने लिए सुविधाजनक निर्णय लिए।
राव ने आगे कहा कि उस समय एक विपक्षी दल के रूप में, हमने (कांग्रेस) इस मुद्दे को उजागर करने की कोशिश की। राज्य में सत्ता में आने के बाद हमने जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया।”
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आयोग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और दूसरी रिपोर्ट छह-सात महीने में सौंपी जा सकती है, क्योंकि जांच के लिए बहुत सारे दस्तावेज हैं।
500 करोड़ रुपये की रिकवरी की सिफारिश
कमीशन की रिपोर्ट में 500 करोड़ रुपये की रिकवरी की सिफारिश की गई है और इसे लागू करने के लिए एक नई टीम गठित करने की योजना है। मंत्री ने कहा कि “आयोग ने विभिन्न कंपनियों से वसूली की सिफारिश की है, क्योंकि खरीद अधिक लागत पर की गई थी, कुछ मामलों में डिलीवरी में देरी हुई, गुणवत्ता को लेकर भी मुद्दे हैं। हम आने वाले दिनों में इस पर काम करेंगे।”
येदियुरप्पा का जवाब और विपक्ष की प्रतिक्रिया
येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। उन्होंने इसे कांग्रेस की राजनीति करार दिया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महामारी के दौरान जनता के कष्टों के समय भाजपा नेताओं ने अपने लाभ के लिए धन अर्जित किया।