बेंगलुरु: कर्नाटक जमीन विवाद को लेकर भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की इस्तीफा की मांग कर रही है। पार्टी ने यह मांग तब की है जब खड़गे के परिवार ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा दी गई जमीन वापस करने का फैसला किया गया है।
भाजपा का दावा है कि खड़गे परिवार का यह फैसला बताता है कि वे लोग इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सभा सांसद और भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दोनों नेताओं ने जमीन हासिल करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। भाजपा नेता ने कहा है कि खड़गे और सिद्धारमैया दोनों को अपना पद छोड़ देना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले 30 सितंबर को सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने कथित मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) स्कैम से जुड़े 14 प्लाटों वापस करने की बात कही थी। इस विवादास्पद स्कैम को लेकर सीएम सिद्धारमैया पर गंभीर आरोप लगते आ रहे हैं। इस केस में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और बहनोई के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में मामला भी दर्ज है।
मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे ने जमीन वापस करने की कही थी बात
सिद्धारमैया की पत्नी की ओर से जमीन वापस करने के बाद रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे ने भी पांच एकड़ भूखंड को वापस करने को कहा था। इन दोनों जमीन को लेकर पहले से विवाद चलते आ रहा है और आरोप लगा है कि गलत तरीके से इन जमीनों को लिया गया था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट पर आक्षेप लगने के बाद आवंटित भूमि को लौटाने का जो निर्णय लिया है, वह स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है कि सत्ता का दुरुपयोग करके भूमि को हड़पने का कार्य कर्नाटक में सर्वोच्च रूप से हो रहा था।… pic.twitter.com/7isaHGryhJ
— BJP (@BJP4India) October 14, 2024
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा है
राज्य सभा सांसद और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि खड़गे परिवार द्वारा जमीन की वापसी गलत काम का संकेत देती है, जैसा कि सिद्धारमैया से जुड़े पहले के मामले में हुआ था।
बीजेपी का तर्क है कि सिद्धारमैया की पत्नी समेत दोनों परिवारों ने कानूनी परेशानी से बचने के लिए जमीन को लौटाया है। उन्होंने आगे कहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेता भ्रष्टाचार और जमीन हड़पने के मामले में शामिल हैं।
मामले में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी खड़गे परिवार की आलोचना करते हुए कहा है कि केवल जमीन वापस करने से वे लोग भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त नहीं हो जाएंगे। पूनावाला ने खड़गे परिवार के फैसले की तुलना “एमयूडीए घोटाले” से की है और कहा है कि जमीन वापस करने से कथित भ्रष्टाचार नहीं मिट नहीं जाएगा।
‘कांग्रेस चला रही भू-हड़प अभियान’
सुधांशु त्रिवेदी ने कटाक्ष किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विचारों से प्रेरित होकर कांग्रेस पार्टी देश में भू-हड़प अभियान चला रही है। उन्होंने आगे कहा कि ये लोग इसलिए जमीन वापस नहीं कर रहे हैं कि इनकी आत्मा जाग गई है बल्कि अदालत की कार्यवाही के दौरान होने वाली जलालत से बचने के लिए ये जमीन वापस कर रहे हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी को यह बताना चाहिए कि क्या जमीन वापस करने वालों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए? अगर मान लिया कि गलती हुई है तो कर्नाटक सरकार एफआईआर कब करेगी?
भाजपा नेता ने कांग्रेस और विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले में इंडी गठबंधन के नेताओं की चुप्पी से यह बात बिल्कुल साफ हो रही है कि भ्रष्टाचार और जनता की जमीन हड़पने के मामले में ये सब एक साथ हैं, मिले हुए हैं और एक दूसरे को मौन समर्थन दे रहे हैं।
त्रिवेदी ने यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार जिसकी सहज और स्वाभाविक प्रवृत्ति है, उस कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से अब वह जमीन खिसकती नजर आ रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट पर आक्षेप लगने के बाद आवंटित भूमि को लौटाने का जो निर्णय लिया है, वह स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है कि सत्ता का दुरुपयोग करके भूमि को हड़पने का कार्य कर्नाटक में सर्वोच्च स्तर से हो रहा था।
क्या है कर्नाटक जमीन विवाद
दरअसल, यह पूरा मामला कर्नाटक के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बेंगलुरु में पांच एकड़ जमीन देने को लेकर शुरू हुआ था। राहुल खड़गे इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
ट्रंस्ट का इस जमीन पर ‘बहु-कौशल विकास केंद्र, प्रशिक्षण संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र’ बनाने की योचना थी। मार्च 2024 में सिद्दारमैया सरकार ने सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को यह जमीन दी थी।
इस पर भाजपा ने ऐतराज जताते हुए कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पार्टी सदस्यों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। इस बीच कर्नाटक में कथित एमयूडीए घोटाला भी सामने आया था जिसमें सीएम सिद्दारमैया और उनके परिवार पर जमीन पर अनुचित तरीके से सौदें करने का आरोप लगा था।
इसी महीने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती ने कथित मुदा स्कैम से जुड़े 14 भूखंडों को वापस लौटा दिया था। इसके बाद राहुल खड़गे द्वारा भी पांच एकड़ जमीन को वापस करने का फैसला लिया गया है। पहले सीएम सिद्दारमैया की पत्नी और अब राहुल खड़गे द्वारा विवादास्पद जमीनों को वापस करने को लेकर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो रही है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ