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कनाडा ने कनिष्क विमान विस्फोट के एक और ‘गुनहगार’ की पहचान की पर नाम बताने से किया इनकार

ओटावाः रॉयल कैनेडियान माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने अंततः उस व्यक्ति की पहचान कर ली जिसने जून 1985 में एयर इंडिया (Air India) के विमान कनिष्क पर हुए घातक बम विस्फोट से कुछ सप्ताह पहले बम के परीक्षण में मदद की थी। हालांकि, पुलिस ने व्यक्ति की पहचान उजागर करने से मना किया है। जून 1985 में कनाडा के मॉन्ट्रियल से मुंबई के लिए उड़ा था। 

इस मामले के संबंध में वैंकूवर सन ने आरसीएमपी के सहायक आयुक्त डेविड टेबोल के हवाले से लिखा “सामूहिक हत्या मामले में पहले से अज्ञात संदिग्ध की हाल ही में बिना किसी आरोप का सामना किए ही मृत्यु हो गई।”

उन्होंने कहा “गोपनीयता कानून के कारण नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता, भले ही वह व्यक्ति मर चुका है।” 

टेबोल द्वारा यह खुलासा इस घटना की 40वीं वर्षगांठ से कुछ दिन पहले किया गया। 1985 में यह घटना 23 जून को हुई थी। इस विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इनमें से 307 यात्री थे और 22 चालक दल के सदस्य थे। 

एयर इंडिया की विमान संख्या AI 182 में विस्फोट तब हुआ जब वो ब्रिटेन की राजधानी लंदन में उतरने की तैयारी कर रहा था। हवा में धमाके बाद विमान के मलबे आयरलैंड के तट के पास समुद्र में गिर गए थे। कनाडा से मुंबई जा रहे इस विमान को दरअसल लंदन में ‘स्टॉपओवर’ के बाद आग की उड़ान भरनी थी।

कैसे हुए ‘मिस्टर एक्स’ की पहचान?

सहायक आयुक्त डेविड टेबोल के मुताबिक, इस मामले में साल 2005 में दो प्रमुख संदिग्धों को बरी किए जाने के बाद जांचकर्ताओं ने मामले में पर नजर बनाए रखी और काम जारी रखा ताकि घटना से संबंधित कुछ अनसुलझे पक्षों को सुलझाने में मदद मिल सके। इसी योजना के तहत ‘मिस्टर एक्स’ की पहचान हुई। 

इस जांच के मुताबिक, 4 जून 1985 को साजिश के तहत वह व्यक्ति इस हमले के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के साथ ब्रिटिश कोलंबिया गया था। इसके बाद दोनों इलेक्ट्रिशियन इंद्रजीत सिंह रेयात के साथ हो लिए। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इसके बाद यह समूह जंगल गया और वहां बम परीक्षण किया। हालांकि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा के एजेंट उनका पीछा कर रहे थे। उन्होंने यह विस्फोट सुना जरूर लेकिन उन्होंने इसे गोली की आवाज समझ लिया। 

साल 1992 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के संस्थापक तलविंदर सिंह परमार को पंजाब में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। परमार का जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ था। वहीं, रेयात ने बम बनाने में परमार और मिस्टर एक्स की सहायता करने का दोष स्वीकार कर लिया था, जबकि बाद में उसने इस बात से इंकार कर दिया कि वह मिस्टर एक्स को जानता था।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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