Thursday, October 16, 2025
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विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में पेश की गई वक्फ बिल पर बनी जेपीसी रिपोर्ट

नई दिल्लीः वक्फ (संशोधन) बिल पर बनी संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गई। इस दौरान संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। इस समिति की सदस्य भारतीय जनता पार्टी की मेधा विश्राम कुलकर्णी ने राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की। वहीं, लोकसभा में इसकी रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने प्रस्तुत की। जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट के खिलाफ विपक्ष की नारेबाजी के बीच प्रस्तुत की। 

राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने इस रिपोर्ट को ‘पक्षपाती’ और ‘एकपक्षीय’ करार दिया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि पैनल में उपस्थित सदस्यों द्वारा जिन बिंदुओं पर असहमति जताई गई, उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। जबकि, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। 

विपक्ष के सदस्यों ने किया हंगामा

रिपोर्ट जब प्रस्तुत की गई तो विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस कारण से सदन को थोड़ी देर स्थगित करना पड़ा। हालांकि जब सदन दोबारा शुरु हुआ तो विपक्षी सांसदों ने असहमति के बिंदुओं को रिपोर्ट से हटाने के बारे में बोला। इसके बाद विपक्षी सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। 

वहीं, विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस रिपोर्ट को ‘झूठी रिपोर्ट’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इसे हटाकर समिति के पास दोबारा भेजना चाहिए। खड़गे ने कहा “हम ऐसी झूठी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे। यदि रिपोर्ट में असहमति के बिंदु रिपोर्ट में नहीं है तो इसे वापस समिति के पास भेजना चाहिए।”

गौरव गोगोई ने क्या कहा? 

लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सांसदों को एक रात पहले 655 पेज की रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम ) के सांसद वअसद्दुदीन ओवैसी ने इस रिपोर्ट को असंवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद- 14, 15 और 29 का उल्लंघन बताया है। 

संसदीय मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इसमें असहमति के नोट्स भी शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट को असंवैधानिक और गैरकानूनी कहने का कोई अधिकार नहीं है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस रिपोर्ट के बारे में कहा है कि यदि इसमें (संयुक्त संसदीय समिति ) में असहमति के नोट जोड़े जाते हैं तो पार्टी को कोई विरोध नहीं है। शाह के आश्वासन के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विपक्ष के वॉकआउट पर सवाल उठाया। 

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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