Saturday, October 18, 2025
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जॉन अब्राहम ने चितवन महोत्सव को लेकर नेपाल सरकार को लिखी चिट्ठी, क्या है पूरा मामला?

मुंबईः अभिनेता जॉन अब्राहम ने नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री बद्री प्रसाद पांडेय को पत्र लिखा है। पत्र में जॉन अब्राहम ने चितवन हाथी महोत्सव में जानवरों के साथ हो रहे अत्याचार को खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के दौरान हाथियों को मारा-पीटा जाता है और उन्हें दौड़ने, सवारी कराने और पोलो व फुटबॉल खेलने के लिए मजबूर किया जाता है।

क्या है चितवन महोत्सव और इसको लेकर उठा विवाद?

चितवन हाथी महोत्सव नेपाल के चितवन जिले में हर साल दिसंबर के अंत में आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव विशेष रूप से हाथियों को लेकर होता है, और इसमें विभिन्न गतिविधियाँ की जाती हैं जैसे हाथी की दौड़, पोलो और फुटबॉल खेल, तथा पर्यटकों को हाथी की सवारी कराना।

हालांकि, यह महोत्सव विवादों में भी रहा है, खासकर इस वजह से कि इसमें हाथियों को अत्यधिक शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (PETA) के अनुसार, इस महोत्सव के दौरान हाथियों को डराने-धमकाने के लिए उन्हें बैल हुक्स, लकड़ी की छड़ियों और अन्य असंवेदनशील उपकरणों से मारा जाता है, जिससे उनकी पीड़ा और चोटें होती हैं।

पेटा जैसे संगठन समेत जानवरों के संरक्षण से जुड़े कई संगठनों ने इसे “क्रूरता और अत्याचार” के रूप में स्वीकार किया है और नेपाल सरकार से इस प्रकार के आयोजनों को बंद करने की अपील करते रहे हैं। इस बीच जॉन ने भी इस आयोजन पर रोक लगाने को लेकर नेपाल सरकार को चिट्ठी लिखी है।

जॉन अब्राहम ने क्या कहा है?

अब्राहम ने लिखा, “ये समझदार, संवेदनशील जानवर इन खेलों के दौरान भारी शारीरिक और मानसिक तनाव सहते हैं।” उन्होंने कहा, “एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने इन हाथियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा है, मैं कह सकता हूं कि वे ताकत, गरिमा और बुद्धिमत्ता का प्रतीक होते हैं। वे कई तरीकों से एक राष्ट्रीय खजाना हैं, और नेपाल के पास यह अवसर है कि वह दुनिया को दिखा सके कि इन अद्भुत जानवरों का सम्मान और संरक्षण कैसे किया जाए।”

अब्राहम ने अपने पत्र के अंत में पांडेय से हाथी के खेल को रद्द करने और नेपाल को एक ऐसे भविष्य की ओर मार्गदर्शन करने की अपील की, जिसमें परंपराएं हमारे साझा मूल्यों, जैसे दयालुता और सभी जीवित, संवेदनशील प्राणियों के लिए सम्मान, को दर्शाती हैं। उन्होंने लिखा, “नेपाल मेरे दिल में विशेष स्थान रखता है और मुझे विश्वास है कि इसका उज्जवल भविष्य उन निर्णयों द्वारा आकार लिया जाएगा जो इसके लोगों, वन्यजीवों और अपूर्व प्राकृतिक सुंदरता का सम्मान करते हैं।”

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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