अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉक भारत में करेगी विस्तार, 1200 लोगों की होगी भर्ती

अमेरिकी इन्वेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक भारत में विस्तार की योजना बना रही है। इसके तहत मुंबई और गुरुग्राम के iHubs में भर्ती की जाएगी। इससे भारत में नौकरी के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।

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अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉक भारत में करेगी विस्तार Photograph: (ग्रोक)

नई दिल्लीः अमेरिका की ब्लैक रॉक कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एसेट रखती है। यह मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट कंपनी अब भारत में अपने सपोर्ट हब का विस्तार करने पर विचार कर रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके तहत करीब 1200 लोगों को भर्ती करने की योजना है।

कंपनी के विस्तार का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ाना और देश के वित्तीय और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है। 

कंपनी की इस नई हायरिंग से भारत में इसके कुल पेशेवरों की संख्या बढ़कर 3500 के करीब हो जाएगी। कंपनी के दो सपोर्ट हब मुंबई और गुरुग्राम में हैं। इन सेंटरों को iHubs के रूप में जाना जाता है। कंपनी की इस हायरिंग में ब्लैकरॉक टेक्नोलॉजी पहल को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से इंजीनियरों और डेटा एक्सपर्ट्स को प्राथमिकता दी जाएगी। 

मुंबई और गुरुग्राम में होगा विस्तार 

मुंबई और गुरुग्राम में विस्तार के अलावा ब्लैकरॉक डेटा प्रदान करने वाली कंपनी प्रीक्विन के अधिग्रहण के माध्यम से बेंगलुरु में एक वैश्विक क्षमता केंद्र भी बनाने की तैयारी में है। इस सेंटर में करीब 1500 पेशेवरों की भर्ती होगी। इसके साथ ही भारत के आईटी सेक्टर में मजबूत पकड़ बनेगी। 

यह विस्तार वित्तीय सेवाओं के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाने की ब्लैकरॉक की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है। कंपनी का लक्ष्य भारत में अत्याधुनिक सुविधाओं को विकसित करना है जिससे खुद को एसेट प्रबंधन में तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रखा जा सके। 

बढ़ेंगे नौकरी के अवसर

हालांकि ब्लैकरॉक कंपनी ने अभी तक अपनी नियुक्ति योजनाओं और विस्तार संबंधी रणनीति पर जवाब नहीं दिया है। लेकिन कंपनी का यह कदम वित्तीय और तकनीकी नवाचार के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में भारत पर कंपनी की बढ़ती निर्भरता को रेखांकित करता है।

इन्वेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के भारत में विस्तार से अपनी उपस्थिति को बेहतर कर रहा है। इस कदम से भारत में नौकरी के अवसर बढ़ने और देश को वैश्विक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने की उम्मीद है।

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