रांची: चुनाव आयोग ने झारखंड भाजपा की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को हटाने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और सहयोगी कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग का यह फैसला आया है। झामुमो और कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में झारखंड भाजपा द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘भ्रामक और विभाजनकारी’ बताया था।
कांग्रेस-झामुमो की शिकायत के बाद कार्रवाई
कांग्रेस और झामुमो से मिली इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) के तहत राज्य के नामित प्राधिकारी के माध्यम से एक्स/ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस वीडियो को तुरंत हटाने का निर्देश जारी करने को कहा। आयोग ने राज्य चुनाव प्रमुख से भाजपा को भी नोटिस भेजने और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को कहा।
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा, ‘मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने और उसके बाद आईटी अधिनियम की धारा 79 (3) (बी) के तहत झारखंड राज्य में नामित प्राधिकारी के माध्यम से संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को हटाने का निर्देश दिया जाता है।’
झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे पत्र में साथ ही कहा गया, ‘आपको भाजपा झारखंड को उनके सोशल मीडिया पोस्ट के कारण चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों के हुए कथित उल्लंघन के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए उचित नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया जाता है। पार्टी को उक्त पोस्ट को तुरंत हटाने का भी निर्देश दिया जा सकता है।’
भाजपा के चुनावी वीडियो पर क्यों हुआ विवाद?
जिस वीडियो को लेकर विवाद हुआ, उसे बीजेपी झारखंड के फेसबुक अकाउंट से भी पोस्ट किया गया था। इसमें एक घर दिखाया गया है जिसके बाहर झामुमो के समर्थन वाला पोस्टर लगा है और साथ ही हेमंत सोरेन से मिलते-जुलते एक शख्स की तस्वीर है। पोस्टर में लिखा है, ‘पूरे झारखंड का काया पलट कर देंगे।’
इसमें आगे दिखाया जाता है कि एक खास समुदाय के अप्रवासियों को दो स्थानीय लोगों द्वारा झामुमो समर्थक के घर लाया जाता है। जब घर का मालिक उनसे शिकायत करता है कि अप्रवासी उसके घर को नष्ट कर रहे हैं, तो स्थानीय लोग कहते हैं, ‘जिस सरकार को तुमने चुना है वह इन लोगों को यहां ले आई है। इसलिए, तुम्हारा घर भी नष्ट होना चाहिए, केवल हमारी कॉलोनी ही क्यों?’
झामुमो और कांग्रेस के आरोप
झामुमो ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि वीडियो ‘निराधार आरोपों और झूठ से भरा हुआ है, जिसका एकमात्र उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी विपक्षी दल को वोट देने से रोकने और भाजपा को झारखंड राज्य में अनुचित चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए प्रभावित करना है।’
जेएमएम ने आरोप लगाया था कि यह वीडियो नफरत फैलाने वाले भाषण, गलत सूचना और अपमानजनक सामग्री लिए हुए है और चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है और बीजेपी झारखंड का ट्विटर हैंडल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक गंभीर खतरा है और मतदाताओं के भरोसे को कमजोर करता है।’
वहीं, कांग्रेस का आरोप था कि वीडियो चुनावी आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करते हुए ‘एक विशेष धर्म समुदाय के सदस्यों के बारे में झूठी कहानी का प्रचार कर रहा है’ और ‘धार्मिक पहचान के आधार पर वोट की अपील कर रहा है।’
बता दें कि झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर वोट डाले गए। वहीं दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवबंर को आएंगे। राज्य में फिलहाल झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस और राजद का गठबंधन पांच साल से सरकार में है।