श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने आतंकवादी विरोधी अभियान के तहत बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। कुलगाम पुलिस ने शनिवार, 8 नवंबर को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कथित तौर पर गतिविधियां चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की।
पुलिस के इस कदम को घाटी में आतंकवाद पर नियंत्रण पाने के लिए भूमिगत पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
डीजीपी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कार्रवाई
नेटवर्क 18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई।
अधिकारियों के मुताबिक, विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर कुलगाम जिले के कई हिस्सों में घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) चलाए गए।
पुलिस द्वारा की गई यह तलाशी उन व्यक्तियों पर केंद्रित थी जिन पर आतंकवादी नेटवर्कों को सहायता प्रदान करने या उन्हें वित्तपोषित करने तथा सीमा पार स्थित अपने रिश्तेदारों के साथ संपर्क बनाए रखने का संदेह था।
पुलिस के समन्वित छापों के दौरान जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के कई रिश्तेदारों और ओवरग्राउंड वर्करों (OGW) पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उनकी निरंतर संलिप्तता के लिए कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसमें रसद सहायता प्रदान करना, प्रचार सामग्री फैलाना और आतंकवादी संगठनों के लिए भर्ती अभियान में मदद करना शामिल है।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों ने कुछ डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। इनका इस्तेमाल विध्वंसकारी उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पुलिस द्वारा चलाया गया यह अभियान दक्षिणी कश्मीर में आतंकवाद के समर्थन ढांचों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये उपाय तब तक जारी रहेंगे जब तक सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क को निष्प्रभावी नहीं कर दिया जाता।
पुलिस की छापेमारी के बीच काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने भी कैदियों द्वारा अवैध संचार माध्यमों के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कई जेलों में औचक निरीक्षण किए हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर रोक के लिए कदम
सीआईके के अधिकारी ने पुष्टि की कि “विशिष्ट जानकारी के आधार पर जेल अधिकारियों के साथ समन्वय में बैरकों और कैदियों के सामान का संयुक्त निरीक्षण किया गया ताकि किसी भी अनधिकृत सेलफोन या विध्वंसक गतिविधियों में सहायक सामग्री का पता लगाया जा सके।”
इस पहल का उद्देश्य आतंरिक सुरक्षा को मजबूत करना तथा जेल सुविधाओं के किसी भी दुरुपयोग को रोकना है। कुलगाम के अलावा डोडा और राजौरी जिलों में भी व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया।
डोडा पुलिस ने मारे गए आतंकवादियों के आवासों और हाल ही में हुई मुठभेड़ों वाले क्षेत्रों सहति कई स्थानों पर एक साथ तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य क्षेत्र में सक्रिय संभावित आतंकवादी संपर्कों, स्लीपर सेल और सैन्य सहायता नेटवर्क का पता लगाना है।
सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि कई जिलों में समन्वित कार्रवाई केंद्र शासित प्रदेश के भीतर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकवाद को दी जाने वाली वित्तीय सहायता और संचार चैनलों को बाधित करने पर केंद्र के ध्यान को दर्शाती है।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि अभियान तब तक चलेगा जब तक कि आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र के प्रत्येक तत्व, आतंरिक और बाह्य की पहचान नहीं हो जाती और उन्हें समाप्त नहीं कर दिया जाता।

