जम्मू: फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) को झटका लगा है। पार्टी को जम्मू-कश्मीर में हुए उपचुनाव में दोनों सीटों- बडगाम और नगरोटा में हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को घोषित नतीजों में बडगाम से जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नगरोटा में भाजपा उम्मीदवार को जीत मिली।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए बडगाम की हार बड़े झटके वाली है। असल में यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 2024 के चुनाव के बाद खाली कर दी थी। उस समय उन्होंने गांदरबल सीट पर भी जीत हासिल की थी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजी मेहदी ने बडगाम सीट पर 21,576 वोट हासिल किए।
एनसी उम्मीदवार आगा सैयद महमूद अल-मोसवाई 17,098 वोटों के साथ मेहदी के बाद दूसरे स्थान पर रहे। इस तरह पीडीपी उम्मीदवार से उन्हें करीब 4,478 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रुहुल्ला उमर अब्दुल्ला के साथ मतभेदों के कारण चुनाव प्रचार से दूर रहे, जिसके कारण विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।
2024 में उमर अब्दुल्ला द्वारा बडगाम सीट खाली करने के कारण उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था। बहरहाल इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के विधायकों की संख्या अब 4 हो गई है। इसे महबूबा मुफ्ती की पार्टी के लिए एक नैतिक जीत के रूप में भी देखा जा सकता है क्योंकि 2024 के विधानसभा चुनावों में यह सीट उमर अब्दुल्ला जैसे दिग्गज नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने जीती थी।
राजनीतिक विश्लेषक बडगाम में नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार का विश्लेषण इस निर्वाचन क्षेत्र की जनता के फैसले के रूप में भी देख रहे हैं। खासकर उमर अब्दुल्ला के इस सीट को छोड़ने और सरकार के सत्ता में रहते हुए एक साल के कामकाज को ध्यान में रखते हुए इस नतीजे को नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए बड़ा संदेश कहा जा सकता है।
नगरोटा में भी तीसरे स्थान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस
दूसरी ओर नगरोटा उपचुनाव में भी नेशनल कॉन्फ्रेंस भी तीसरे स्थान पर रही। यहां पार्टी उम्मीदवार शमीम बेगम को 10,872 वोट मिले। भाजपा की देवयानी राणा के पक्ष में 42,350 वोट पड़े। जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के हर्ष देव सिंह 17,703 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
अक्टूबर 2024 में निवर्तमान विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली हुए नगरोटा विधानसभा सीट को इस तरह भाजपा बरकरार रखने में सफल रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा ने नगरोटा सीट बरकरार रखकर जम्मू संभाग में अपना दबदबा फिर दिखाया है। यह इससे भी साबित होता है कि 30 साल की देवयानी राणा ने 24,600 से अधिक मतों के भारी अंतर से यह उपचुनाव जीता है।
इस जीत से कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक देवयानी राणा अपने दिवंगत पिता देवेंद्र सिंह राणा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में कदम रख रही हैं। इस जीत से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा की संख्या फिर से 29 हो गई है।

