Friday, October 17, 2025
Homeमनोरंजनजय संतोषी मां: फिल्म जो शोले को टक्कर दे बनी नोट छापने...

जय संतोषी मां: फिल्म जो शोले को टक्कर दे बनी नोट छापने वाली मशीन, फिर भी प्रोड्यूसर हो गया कंगाल

मुंबई: मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र का पर्व रविवार से शुरू हो चुका है। फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बनी हैं जिनमें नवदुर्गा के साथ ही उनके अन्य रूपों का शानदार अंदाज में वर्णन किया गया, जो न केवल टाइमलेस बन गईं बल्कि आज भी लोग भक्ति भाव से ऐसी फिल्में देखते हैं। इस सूची में पहले नंबर पर आती है मां संतोषी और उनके भक्त के बीच खूबसूरत और चमत्कार से भरे रिश्तों को दिखाती फिल्म ‘जय संतोषी मां’।

सिनेमाघरों में 15 अगस्त 1975 को उतरी ‘जय संतोषी मां’ के बारे में कई किस्से हैं। रिलीज के बाद से सिनेमाघर रौशन थे। परिवार के साथ लोग माता की गाथा को देखने के लिए पहुंचते थे। फिल्म से जुड़े कुछ तथ्य काफी दिलचस्प हैं।

फिल्म को गायकों ने बनाया बड़ा हिट:

माना जाता है कि फिल्म को सुपरहिट करवाने में गायकों का बहुत बड़ा हाथ था। फिल्म का हर एक गाना सुपरहिट था। ‘मैं तो आरती उतारूं रे, संतोषी माता की’ भजन आने पर औरतें भक्ति में डूब जाती थीं। गायिका उषा मंगेशकर ने इस गाने को गाया था और सी. अर्जुन ने संगीत दिया था। सिलसिला यहीं नहीं रुका और आगे चलकर इसी गाने को मंदिरों में संतोषी माता की आरती के रूप में गाया जाने लगा।

फिल्म के अन्य गानों पर नजर डालें तो ‘जय जय संतोषी माता, जय जय मां’, ‘यहां-वहां जहां तहां देखूं’, ‘करती हूं व्रत तुम्हारा’, ‘मदद करो संतोषी माता’ गाना भी शामिल है।

थिएटर में चप्पल उतारकर जाते थे लोग:

जानकारी के अनुसार, माता की लीला और चमत्कार से भरी फिल्म को देखने के लिए दर्शक थिएटर में प्रवेश करने से पहले चप्पल उतार देते थे और फिल्म शुरू होने से पहले हाथ में फूल, सिक्के लेकर बैठते थे और स्क्रीन पर माता के आने के तुरंत बाद सिक्के, माला-फूल उछालने लगते थे।

लागत से कई गुना मुनाफा करने में सफल थी फिल्म:

बता दें, फिल्म के बजट को लेकर तय आंकड़ा नहीं मिलता है, लेकिन यह साल 1975 में सबसे ज्यादा कमाई वाली दूसरी हिंदी फिल्म बन गई थी। पहले नंबर पर अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन, संजीव कुमार स्टारर ‘शोले’ थी।

 

IANS
IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा