तेल अवीव: हमास के साथ पिछले एक साल से ज्यादा समय से चली आ रही जंग के बीच इजराइल ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इजराइल ने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया है कि वह 1967 के यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क एजेंसी फॉर पैलेस्टाइन रिफ्यूजीज (UNRWA) समझौते को रद्द कर रहा है। इजराइल के विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी। UNRWA संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है।
इससे पहले पिछले महीने इजराइली संसद ने यूएनआरडब्ल्यूए को इजराइल में काम करने से प्रतिबंधित करने वाला कानून पारित किया था। यह संगठन 1967 से इजराइल के अधिपत्य वाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में रह रहे फिलिस्तीन के शरणार्थियों के लिए काम कर रहा था।
UNRWA क्या है, कैसे काम करता है?
UNRWA की स्थापना दरअसल 1949 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई थी। इस संगठन के जरिए बेघर हुए फिलिस्तीनियों की रक्षा और मदद की जाती रही है। मई 1950 से इसने अपना कामकाज शुरू किया था।
UNRWA पहले केवल फिलिस्तीन से पलायन कर दूसरे देशों में जाकर शरणार्थी के रूप में रह रहे लोगों की ही मदद करता था। हालांकि बाद में 1967 में इजराइल और संयुक्त राष्ट्र के बीच समझौता हुआ। इसके तहत UNRWA को इजराइल के कब्जे वाले इलाके में रह रहे फिलिस्तीन के शरणार्थियों की मदद करने की भी मंजूरी मिल गई थी।
यह संगठन गाजा, वेस्ट बैंक और येरुशलम समेत आसपास के अन्य देशों जॉर्डन, फिलिस्तीन, सीरिया और लेबनान आदि में शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों की मदद करता है।
UNRWA का आलोचक रहा है इजराइल
इजराइल लंबे समय से UNRWA की आलोचना करता रहा है। वह संगठन पर इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह का आरोप लगाता रहा है। इजराइल का मानना है कि यह संगठन फिलिस्तीनियों को शरणार्थी बनाए रखकर संघर्ष को कायम रखता है।
पिछले साल अक्टूबर में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल ने यह भी कहा है कि संगठन ने गाजा में हमास की मदद से गहरी घुसपैठ कर ली। इजराइल ने संगठन के कुछ कर्मचारियों पर 7 अक्टूबर के हमले में हिस्सा लेने का आरोप भी लगाया है।
इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा कि अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गतिविधि का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए के साथ संबंध समाप्त करने और इस संगठन के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए तैयारी की जाएगी।
इजराइल के कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र और इजराइल के कुछ पश्चिमी सहयोगियों को चिंतित कर दिया है। ऐसी आशंका है कि इससे गाजा में पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति और खराब हो जाएगी, जहां इजराइल एक साल से हमास आतंकवादियों से लड़ रहा है।