तेल अवीव: इजराइल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने दावा किया है कि अल जजीरा चैनल के लिए काम कर रहे छह पत्रकार हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के सदस्य रहे हैं। दावों के अनुसार संभव है कि इनमें से कुछ अभी भी इससे संबंध रख रहे होंगे। यह सभी पत्रकार गाजा में जारी जंग की कवरेज कर रहे हैं। अल जजीरा ने हालांकि आरोपों को निराधार बताया है।
आईडीएफ के अनुसार सैन्य अभियानों के दौरान गाजा पट्टी से मिली खुफिया जानकारी की वजह से वे ऐसा दावा कर रहे हैं। आईडीएफ ने अल जजीरा के इन पत्रकारों के नाम भी उजागर किए हैं। ये नाम है- अनस अल-शरीफ, अला सलामा, होसाम शबात, अशरफ सरज, इस्माइल अबू अम्र और तलाल अरुकी। इन सभी चार हमास और दो पीआईजे के मिलिट्री विंग से संबंध रखते हैं। यह सभी पत्रकार फिलिस्तीनी हैं।
अनस अल-शरीफ, होसाम शबात, इस्माइल अबू अम्र और तलाल अरौकी पर इजराइल ने हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है। वहीं, अशरफ सराज और अला सलामेह पर इस्लामिक जिहाद से संबंध रखने का आरोप लगाया गया है। आईडीएफ ने इनके हमास और इस्लामिक जिहाद में भूमिका का भी खुलासा किया है।
आईडीएफ ने क्या बताया है?
आईडीएफ ने कहा कि अनस अल-शरीफ रॉकेट लॉन्चिंग दस्ते का प्रमुख और हमास की नुसीरत बटालियन में नुखबा फोर्स कंपनी का सदस्य थे। अला सलामा इस्लामिक जिहाद की शबौरा बटालियन की प्रचार इकाई के उप प्रमुख थे। शबात के बारे में कहा गया है कि वह हमास की बेइत हनौन बटालियन में एक स्नाइपर था।
इसके अलावा अशरफ सराज इस्लामिक जिहाद की ब्यूरिज बटालियन का सदस्य था। अबू अम्र ईस्ट खान यूनिस बटालियन में एक ट्रेनिंग कंपनी कमांडर के रूप में कार्यरत था। वहीं, अब्दुल रहमान अरुकी हमास की नुसीरत बटालियन में एक टीम कमांडर था।
EXPOSED: 6 Al Jazeera journalists have been exposed as Hamas and Islamic Jihad terrorists.
The IDF has disclosed intelligence information and numerous documents found in Gaza confirming military affiliation of six Al Jazeera journalists in Gaza with Hamas and the Islamic Jihad… pic.twitter.com/quVmr2zE8B
— Israel Defense Forces (@IDF) October 23, 2024
इजराइल में बैन है अल जजीरा
इस्माइल अबू अम्र इस साल फरवरी में गाजा में इजरायली ऑपरेशन में घायल हो गया था। उस समय अल जजीरा ने इस बात से इनकार किया था कि उसका आतंकी संबंधों से कोई संबंध है। हालांकि अब आईडीएफ सबूत वाले दस्तावेज बरामद करने का दावा किया है।
इस साल मई में हमास समर्थक प्रोपोगैंडा फैलाने को लेकर इजराइल में अल जजीरा चैनल के संचालन को बंद करने का आदेश दिया था। उसके बाद सितंबर में इजराइल सरकार ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह में अल जजीरा के ब्यूरो को भी बंद कर दिया था। यह पहली बार था जब इजराइल ने किसी विदेशी समाचार आउटलेट को अपने यहां बंद किया था।
अल-जजीरा ने आईडीएफ के दावों पर क्या कहा है?
आईडीएफ के दावों पर अल-जजीरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए जवाब दिया है। इस पोस्ट में अल जजीरा ने आईडीएफ के दावों को ‘निराधार’ और ‘मनगढ़ंत’ करार दिया है। अल जजीरा ने कहा है ऐसे आरोप उसके प्रति ‘शत्रुता के व्यापक पैटर्न का हिस्सा’ हैं। चैनल के बयान में कहा गया है कि ये दावे ‘क्षेत्र के कुछ बचे पत्रकारों को चुप कराने का एक जबरदस्त प्रयास है, जिससे दुनिया भर के लोगों से युद्ध की कठोर वास्तविकताओं को छिपाया जा सके।’
Al Jazeera condemns Israeli accusations towards its journalists in Gaza and warns against being a justification for targeting them. pic.twitter.com/m0hu4TjY8h
— Al Jazeera English (@AJEnglish) October 23, 2024
अल जजीरा के अनुसार पिछले 12 महीनों में गाजा में इजरायली हमलों में नेटवर्क के चार पत्रकार मारे गए हैं। बाद में मृतकों में से कुछ पर इजराइल द्वारा हमास या इस्लामिक जिहाद का सदस्य होने का आरोप लगाया गया था। इन आरोपों को हालांकि अल जजीरा की ओर से खारिज कर दिया गया था।
गौरतलब है कि अल जजीरा कतर का चैनल है, जहां हमास के कई सीनियर नेता रहते हैं। खाड़ी अरब देश कतर भी अमेरिका और मिस्र के साथ गाजा संघर्ष विराम के लिए वार्ता में शामिल एक अहम सदस्य है।