तेहरान: ईरान के कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल कानी को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि वह इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का एक एजेंट हैं। पिछले कई दिनों से इस्माइल कानी लापता हैं और यह दावा किया जा रहा है कि उन्हें नजरबंद कर लिया गया है।
सितंबर में हुए इजराइली हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और अन्य उच्च-रैंकिंग कमांडर के मारे जाने के बाद के दो दिन बाद कानी ने लेबनान की यात्रा की थी। दावा है कि इसके बाद से ही कानी लापता हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले यह दावा किया गया था हसन नसरल्लाह की मौत के बाद एक और इजराइली हमले में कानी मारा गया है। लेकिन अब अरबी मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि वह जिंदा है और वह ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की निगरानी में हैं।
कानी पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह इजराइल के लिए काम करता है जिसकी की मदद से हाल में हमास और हिजबुल्लाह के बड़े नेताओं की हत्याएं हुए हैं।
अरबी और यूके मीडिया ने यह दावा किया है कि उन्हें एक घर में नजरबंद कर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी लोग द्वारा पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के दौरान कानी को पड़ा है दिल का दौरा-दावा
एक और रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस पूछताछ के दौरान कानी को दिल का दौरा भी पड़ा है जिसके बाद उन्हें असप्ताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कानी के चीफ ऑफ स्टाफ एहसान शफीकी भी जांच के दायरे में हैं।
यही नहीं एक और रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ईरान को कानी पर तब शक हुआ था जब एक इजराइली हवाई हमले में नसरल्ला के उत्तराधिकारी हशम सफीद्दीन को निशाना बनाया गया था।
हालांकि इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि सफीद्दीन इस हमले में मारा गया है या फिर वह अभी भी जिंदा है। दावा है कि सफीद्दीन पर हुए इजराइली हमले से पहले एक मीटिंग होने वाली थी। इस मीटिंग में कानी और सफीद्दीन मिलने वाले थे।
बता दें कि यहां पर उसी इजराइली हमले का जिक्र हो रहा है जिसमें कानी के मारे जाने का पहले दावा किया गया था।
आईआरजीसी ने आरोपों को किया है खारिज
इन आरोपों के बीच बुधवार को आईआरजीसी कमांडर-इन-चीफ होसैन सलामी के एक सलाहकार ने इन अटकलों को खारिज किया है। ईरानी समाचार एजेंसी को दिए एक बयान में सलाहकार ने कहा है कि कानी पूरी तरह से फिट हैं।
सलाहकार ने यह भी कहा है कि वह आने वाले दिनों में सर्वोच्च नेता अली खामेनेई द्वारा एक सैन्य सम्मान भी प्राप्त करने वाले हैं। बता दें कि साल 2019 से ही अमेरिका ने आईआरजीसी को एक आंतकी संगठन घोषित कर रखा है।
कौन हैं इस्माइल कानी
साल 2020 में जब अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी को बगदाद में मार दिया था। इनकी मौत के बाद कानी को कुद्स फोर्स का कमांडर बनाया गया था।
ईरान द्वारा कुद्स फोर्स को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह मध्यपूर्व में उसके प्रॉक्सी समूहों के साथ मिलकर काम करे। उसे लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में हमास और यमन में हौथी विद्रोही के साथ मिलकर ईरान के उद्देश्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
कानी का जन्म ईरान के मशहद में हुआ था। उन्होंने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के लिए ईरान और इराक के युद्ध को लड़ा है। उन्हें सन 1997 में कुद्स फोर्स के डिप्टी कमांडर बनाया गया था।
इस्माइल कानी को अफगानिस्तान और पाकिस्तान की भाषाओं पर पकड़ है लेकिन उन्हें फोर्स के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की तरह अरबी का ज्यादा ज्ञान नहीं है। दावा है कि कासिम सुलेमानी का ईरान के प्रॉक्सी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध थे जबकि कानी के कमान संभालने के बाद इनके संबंधों में कमी और दूरी देखी गई है।
दावा यह भी है कि कानी के नेतृत्व में हिजबुल्लाह और और इराकी मिलिशिया जैसी ईरानी प्रॉक्सी सेनाओं को इजराइली सेनाओं के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा है। इस तरह के दवाब सुलेमानी के समय में नहीं देखने को मिलता था।