लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को लेकर योगी कैबिनेट ने मंगलवार को सख्त कानून का प्रस्ताव पास किया है। पेपर लीक में पकड़े जाने पर संस्था पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान भी है। इस अध्यादेश को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इसके अलावा महिला, बच्चों और गैंगस्टर से जुड़े मामलों में अग्रिम जमानत नहीं देने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है।
यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 हुआ पास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है। सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपर लीक को रोकने, सॉल्वर गिरोह पर प्रतिबंध लगाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश- 2024’ को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
उल्लंघन पर इतनी हो सकती है सजा
यह अध्यादेश सभी सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षा, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षा, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा।
फर्जी प्रश्न पत्र बांटने, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट चलाने पर भी सजा होगी। अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दो साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ तक के जुर्माने पर प्रावधान किया गया है।
आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने वालों की हो सकती है संपत्ति भी कुर्क
नकली प्रश्न पत्र बांटने और नकली रोजगार वेबसाइट बनाने जैसे अपराधों के लिए दो साल से लेकर आजीवन कारावास और एक करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है। यही नहीं आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने वालों की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।
पेपर लीक से जुड़े सभी अपराधों को जमानत के संबंध में सख्त प्रावधानों के साथ सत्र न्यायालय द्वारा संज्ञेय, गैर-जमानती और विचारणीय एवं अशमनीय (जुर्माना माफ न हो) बनाए गए हैं। इस मामले में जमानत के संबंध में भी कठोर प्रावधान किए गए हैं।
अग्रिम जमानत के प्रोसीजर को और किया गया है सख्त
इसके अलावा केंद्र के बाद यूपी कैबिनेट ने भी कानून में बदलाव को मंजूरी दी है। महिला, बच्चों के खिलाफ अपराध और गैंगस्टर एक्ट में अग्रिम जमानत का प्रोसीजर था, अब अग्रिम जमानत के प्रोसीजर को और सख्त किया गया है।
इन प्रस्ताव को कैबिनेट में पास किया गया। सदन से मंजूरी के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मुहर लगते ही नए बदलाव को लागू कर दिया जाएगा।
हाल में हुए पेपर लीक के बाद अध्यादेश हुआ पास
बता दें कि हाल में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक के मद्देनजर यूपी के योगी सरकार द्वारा यह कदम उठाया है। इसी साल फरवरी में 60,244 कांस्टेबल पदों के लिए यूपी पुलिस की भर्ती की परीक्षा होने वाली थी, लेकिन परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गए थे।
इसके एक महीने बाद समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों (आरओ/एआरओ) के लिए यूपीपीएससी प्रारंभिक भर्ती परीक्षा होने वाली थी लेकिन पेपर लीक की रिपोर्ट के बाद इस परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था।
प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के आरोप के बीच अध्यादेश हुआ है पास
केंद्र सरकार के नए आपराधिक कानूनों के तहत पेपर लीक करने वालों को 10 साल की सजा और एक करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा। ऐसे में यूपी सरकार ने अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार के इस सजा को आजीवन कारावास में बदलने पर जोर दिया है।
यूपी सरकार ने यह अध्यादेश तब पास किया है जब देश भर के कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के गंभीर आरोप लगे हैं और इस सिलसिले में जांच भी शुरू की गई है।
एनटीए को कथित पेपर लीक और अनियमितताओं सहित नीट यूजी 2024 मेडिकल प्रवेश परीक्षा में खामियों के लिए जांच का सामना करना पड़ा है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ