लखनऊ: समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुरुवार को विधानसभा में खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति से कई परिवारों को न्याय मिला है। सपा विधायक पूजा पाल के पति राजू पाल की 2005 में गैंगस्टर अतीक अहमद ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पूजा पाल ने विधान सभा में सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके जिस छुपे हुए आंसू को किसी ने नहीं देखा, उसे मुख्यमंत्री ने देखा और न्याय दिलाने का काम किया। पूजा पाल ने कहा, 'मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया।'

विधान सभा में सपा विधायक पूजा पाल ने और क्या कहा?

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 'विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर 24 घंटे की मैराथन चर्चा के दौरान बोलते हुए सपा विधायक पूजा पाल ने कहा, 'हर कोई जानता है कि मेरे पति (राजू पाल) की हत्या किसने की। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात सुनी, जबकि किसी और ने नहीं सुनी।'

पूजा पाल ने कहा, 'मैं धन्यवाद देना चाहती हूं माननीय मुख्यमंत्री को जिन्होंने मेरे छुपे हुए उन आंसुओं को देखने का काम किया जो वर्षों से किसी ने नहीं देखा। मेरा दुख, मेरी तकलीफ मुख्यमंत्री ने देखा और सही मायने में न्याय दिलाने और देने का काम किया। मुझ जैसे पता नहीं कितने प्रयागराज में पीड़ित परिवार को ऐसे अपराधियों को दंड देकर उन्हें न्याय दिलाने का काम किया।'

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई अन्य महिलाओं को जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर न्याय दिलाया, जिसके परिणामस्वरूप अतीक अहमद जैसे अपराधी मारे गए। आज पूरा प्रदेश उन पर विश्वास की नजर से देखता है। पूजा पाल ने कहा, 'जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता, तो मैंने आवाज़ उठाई। जब मैं इस लड़ाई से थक गई, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया।'

बसपा विधायक राजू पाल की 2005 में हुई थी हत्या

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब पूजा पाल से उनकी शादी के महज 9 दिन ही हुए थे। पुलिस के अनुसार यह हत्या गैंगस्टर अतीक अहमद के भाई अशरफ के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी, जिसे राजू ने 2004 में प्रयागराज पश्चिम सीट के उपचुनाव में हराया था। फरवरी 2023 में, इस हत्याकांड के एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की भी प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

कुछ दिनों बाद अतीक और अशरफ दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। साल 2023 में पुलिस हिरासत में प्रयागराज में मेडिकल जाँच के लिए ले जाते समय अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक को पीछे से सिर में गोली मारी गई, लगभग बिल्कुल पास से। अशरफ को भी गोली मार दी गई, और हत्या की पूरी घटना भी कैमरे में कैद हुई थी। यह घटना अतीक के बेटे असद के झाँसी में एक कथित मुठभेड़ में मारे जाने के कुछ दिनों बाद हुई थी।

राजू 2002 में प्रयागराज पश्चिम सीट से अतीक से चुनाव हार गए थे, लेकिन जब अतीक ने लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट खाली कर दी, तो राजू ने उपचुनाव में अशरफ को हरा दिया था।

केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में इस हत्याकांड की जाँच अपने हाथ में ली थी। 2024 में सीबीआई की एक अदालत ने सात लोगों - रंजीत पाल, आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलहसन और अब्दुल कवि - को आपराधिक षडयंत्र और हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी ठहराया। फरहान को भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया गया था।