उत्तर प्रदेश के बरेली में अतिरिक्त जिला अदालत ने दुष्कर्म के एक केस में अपना बयान बदलने और मुकरने के लिए एक युवती पर आईपीसी की धारा 195 (दोषी ठहराने के इरादे से झूठे या मनगढ़ंत सबूत देना) के तहत मामला दर्ज करते हुए कड़ी सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने लड़की को 1,653 दिनों की जेल के साथ 5.9 लाख रुपये जुर्माने की भी सजा सुनाई है। कोर्ट ने युवती को उतने ही दिन जेल की सजा सुनाई है, जितने दिन युवती के झूठे आरोप की वजह से आरोपी शख्स जेल में रहा।
कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी के झूठे बयान के कारण एक निर्दोष व्यक्ति को 1,653 दिन (4 साल, 6 महीने और 8 दिन) जेल में बिताने पड़े। सरकार और न्यायपालिका महिलाओं से संबंधित मामलों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो महिलाएं कानून का अनुचित लाभ उठाना चाहती हैं, उन्हें पुरुषों के अधिकारों को प्रभावित करने का मौका दिया जाए।’
लड़की ने लगाया था बलात्कार का झूठा आरोप
यह मामला 2019 का है। अजय कुमार उर्फ राघव के खिलाफ अपने सहकर्मी की बहन को अगवा करने और उसके साथ बलात्कार के आरोप लगे थे। लड़की उस समय 15 साल की थी और उसने पुलिस को भी बताया अजय ने उसका अपहरण किया और उसके साथ दुष्कर्म किया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार लड़की की मां की शिकायत पर अजय के खिलाफ युवती को गलत तरीके से बंधक बनाना, बलात्कार और पॉक्सो कोर्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। युवती ने शुरू में अदालत को बताया था कि अजय ने उसे दिल्ली में नशीला पदार्थ खिलाकर बंधक बनाया और उसके साथ बलात्कार किया। चार साल बाद उसने अपना बयान बदल लिया और कोर्ट को बताया कि अजय निर्दोष है। इसके बाद अदालत ने उस पर आईपीसी की धारा 195 के तहत मामला दर्ज किया।
लड़की ने 8 फरवरी को अदालत को बताया कि उसने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि उसकी मां उस पर दबाव डाल रही थी। जज ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अजय के खिलाफ आरोप गंभीर थे और झूठे आरोपों के कारण उसे आजीवन कारावास की सजा हो सकती थी। अजय को रेप जैसे अपराध में जेल जाने का कलंक भी झेलना पड़ा। अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील पांडे ने बताया, ‘हमने अदालत से एक मिसाल कायम करने के लिए कहा था ताकि जो महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग करती हैं, वे इसे पैसे कमाने के तरीके के रूप में इस्तेमाल न करें। अजय ने 1,653 दिन जेल में बिताए और इसके कारण उन्हें 5,88,822.47 रुपये की कमाई का नुकसान हुआ। अदालत ने महिला को इतने ही जुर्माने के साथ उतने ही दिनों की सजा सुनाई है।’