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नई दिल्ली: भाजपा विधायकों की ओर से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र पर सियासी घमासान जारी है। इस पर मंगलवार को दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
आतिशी ने कहा कि भाजपा दिल्ली की चुनी हुई सरकार को चोर दरवाजे से बर्खास्त करना चाहती है। इससे पहले सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा विधायकों ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी।
भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर महत्वपूर्ण संवैधानिक उल्लंघनों का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। बता दें कि दिल्ली में अगला विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने वाला है।
भाजपा ने क्या तर्क दिया है
सोमवार को दिल्ली भाजपा ने संविधान के कथित उल्लंघन के आरोप में आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। इस मांग के तहत भाजपा विधायकों द्वारा छह सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, राष्ट्र्पति ने उस ज्ञापन को गृह मंत्रालय को भेजा है और इस पर "तत्काल हस्तक्षेप" करने को कहा है।
विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा ने तर्क दिया है कि आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप में अरविंद केजरीवाल पिछले चार महीने से जेल में हैं। इस दौरान दिल्ली में 'संवैधानिक संकट' पैदा हो गया है।
पार्टी के अनुसार, केजरीवाल के जेल में जाने से दिल्ली में प्रशासनिक व्यवस्था, शराब पॉलिसी और जल बोर्ड में वित्तीय अनियमितता पैदा हो गई है।
आम आदमी पार्टी पर लगा है यह आरोप
भाजपा ने अपने प्राथमिक आरोप में यह कहा है कि साल 2021 से छठे दिल्ली वित्त आयोग की स्थापना करने में आम आदमी पार्टी विफल रही है जो अनुच्छेद 243-I और 243-Y के तहत संवैधानिक है।
पार्टी का दावा है कि विफलता के कारण वित्तीय योजना और संसाधन आवंटन पर बुरा असर पड़ा है खासकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) इससे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
पारदर्शिता और वित्तीय निगरानी पर चिंता जताते हुए भाजपा ने दिल्ली सरकार द्वारा सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने के लिए भी पार्टी की आलोचना की है।
भाजपा का यह भी तर्क है कि केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं और वे जेल से ही सरकार चला रहा है। ऐसे में उनके लगातार जेल में रहने के कारण आवश्यक सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों में गंभीर देरी हो रही है।
अपने तर्क में पार्टी ने दिल्ली जल बोर्ड के भीतर अनियमितताओं और अन्य वित्तीय कदाचार सहित कई और भ्रष्टाचार के आरोपों का भी हवाला दिया है।
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा है
मामले में बोलते हुए मंगलवार को आम आदमी पार्टी नेता आतिशी ने कहा कि अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीरो सीटें आएंगी।
दिल्ली सरकार की मंत्री ने आगे कहा है कि भाजपा का एक ही काम है, चुनी हुई सरकार को गिराना। भाजपा जहां चुनाव नहीं जीतती, वहां विधायकों के खरीद-फरोख्त की कोशिश करती है, चोर दरवाजे से सरकार बनाने का प्रयास करती है।
आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली में भी भाजपा ने यही काम किया, लेकिन सफल नहीं हो सकी। वह आम आदमी पार्टी के विधायकों नहीं खरीद सकी, इसलिए अब चोर दरवाजे से सरकार को गिराने का षड्यंत्र रच रही है।
भाजपा का एकमात्र काम चुनी हुई विपक्ष की सरकारों को गिराना है। भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों को नहीं खरीद पाई, इसलिए अब वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र कर रही है।
अगर भाजपा षड्यंत्र रचकर अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराती है, तो आने वाले चुनावों में दिल्ली की जनता भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देगी।
दिल्ली में भाजपा अनुच्छेद 356 कराना चाहती है लागू
दिल्ली में भाजपा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 को लागू करने पर जोर दे रही है। यह अनुछेड़ कहता है कि अगर किसी राज्य का शासन संवैधानिक मानदंडों के लागू करने में विफल रहा है तो इस केस में दिल्ली की केंद्र सरकार उस सरकार को बर्खास्त कर सकती है और वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ