नई दिल्लीः राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने रविवार को सीयूईटी यूजी 2024 की आंशिक आंसर-की जारी कर दी। साथ ही एजेंसी ने छात्रों को यह आश्वासन दिया है कि अगर परीक्षा के आयोजन के बारे में छात्रों द्वारा उठाई गई किसी भी शिकायत को सही पाया जाता है, तो वह 15 जुलाई से 19 जुलाई के बीच सीयूईटी यूजी के छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेगी।
एनटीए ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (CUET-UG) परीक्षा से जुड़े उत्तरों को चुनौती देने और शिकायतें दर्ज कराने के लिए 9 जुलाई शाम 5 बजे तक विरोध दर्ज कराने की अवधि खोल दी है।
एनटीए 15 से 19 जुलाई के बीच पुनः परीक्षा
सीयूईटी-यूजी परीक्षा के लिए मिले आवेदनों पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) विचार कर रही है। 30 जून तक जमा हुई शिकायतों पर गौर किया जा रहा है। अगर कोई शिकायत सही पाई जाती है, तो एनटीए 15 से 19 जुलाई के बीच चुने हुए केंद्रों पर उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
एनटीए अधिकारियों ने हालांकि ये नहीं बताया कि उन्हें कितनी शिकायतें मिली हैं, लेकिन छात्रों का कहना है कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और तकनीकी दिक्कतें भी आईं। अधिकारी ने बताया कि “छात्रों द्वारा की गईं आपत्तियों की जांच विषय विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा की जाएगी। संशोधित अंतिम आंसर की के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे।”
सीयूईटी-यूजी के नतीजों में देरी नीट और नेट सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच हुई है।
हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी परीक्षा
इस साल पहली बार एनटीए पूरे देश में सीयूईटी यूजी 2024 परीक्षा 15, 16, 17, 18, 21, 22 और 24 मई को हाइब्रिड मोड में आयोजित की थी। लेकिन लॉजिस्टिक समस्याओं के कारण दिल्ली में एक रात पहले रद्द कर दी गई थी। बाद में राष्ट्रीय राजधानी में परीक्षा आयोजित की गई थी।
एनटीए ने 15 विषयों के लिए परीक्षा पेन और पेपर मोड में और बाकी 48 विषयों के लिए कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की थी। इस साल 261 केंद्रीय, राज्य, मानित और निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 13.4 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया।
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एनटीए ने पहले घोषणा की थी कि सीयूईटी-यूजी का तीसरा संस्करण सात दिनों में पूरा हो जाएगा और सभी परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएंगी, इसलिए अंकों का सामान्यीकरण नहीं होगा। 2022 में हुई पहली परीक्षा में तकनीकी समस्याएं आई थीं। इसके अलावा, एक विषय के लिए कई शिफ्टों में परीक्षाएं आयोजित होने के कारण, परिणामों की घोषणा के दौरान अंकों का सामान्यीकरण करना पड़ा था।
नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा और पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेट में अनियमितताओं के आरोपों के बीच, केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया। एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन की निगरानी के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख आर. राधाकृष्णन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय पैनल नियुक्त किया गया है।
नीट पर कई अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है, जिसमें कथित पेपर लीक भी शामिल है। यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इन दोनों मुद्दों की वर्तमान में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है।