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नई दिल्ली: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के नामों को गिनाया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में मारे गए 26 लोगों में 25 भारतीय थे। यह सरकार की ओर से सुरक्षा खामी थी।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम हमले को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो हुआ, उससे हर एक भारतीय के दिलों को चोट पहुंची है। मैं सदन में बताना चाहती हूं कि यहां मौजूद हर किसी के पास सुरक्षा है। हम जहां भी जाते हैं, हमारे साथ सुरक्षाकर्मी जाते हैं, लेकिन उस दिन पहलगाम में 26 परिवार उजड़ गए। उनके परिवार के सदस्यों को मारा गया, जिनमें 25 भारतीय भी थे।
'बैसरन में उन लोगों के लिए सुरक्षा क्यों नहीं थी'
कांग्रेस सांसद ने सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा, "पहलगाम की बैसरन घाटी में जितने भी लोग मारे गए, उनके लिए वहां कोई सुरक्षा नहीं थी। आप कितने भी ऑपरेशन कर लें, इस सच से नहीं छिप सकते कि उन 25 भारतीयों को आपने कोई सुरक्षा नहीं दी।"
सदन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने आतंकी हमले में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के नामों को गिनाया और कहा, "मैं 25 भारतीयों के नाम इस सदन में पढ़ना चाहती हूं, ताकि यहां बैठे हर सदस्य को यह अहसास हो कि वह भी हमारे तरह इंसान थे। वह किसी राजनीतिक बिसात के मोहरे नहीं थे। वह भी इस देश के बेटे थे और इस देश के शहीद हैं। उनके परिवारों के प्रति हम सबकी जवाबदेही बनती है। उन्हें भी सच्चाई जानने का हक है।"
इसके बाद जब प्रियंका गांधी ने सदन में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के नाम को पढ़ना शुरू किया तो सदन में नारेबाजी होने लगी।
प्रियंका गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का हवाला देते हुए कहा कि अगर यह आतंकवाद को खत्म करने के लिए था, तो पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष कैसे बना दिया गया। उन्होंने इसे कूटनीतिक विफलता करार देते हुए पूछा, "यह किसकी नाकामी है?"