किसी भी रेस में सबसे मजबूत दावेदार को हराने के लिए सबसे पहले जरूरी होता है कि आप अन्य सभी दावेदारों को पीछे छोड़े और दूसरे नंबर पर पहुंच जाए। इसक बाद ही ये संभव है कि आप रेस में सबसे आगे दौड़ रहे धावक को पीछे छोड़ पाएंगे, विनर बन पाएंगे…मेडल जीत पाएंगे। मतलब पहले नंबर पर आने के लिए पहली शर्त ये है कि आप दूसरे नंबर पर तो आएं। बिहार विधानसभा चुनाव में अगले साल ताल ठोकने का ऐलान कर चुके पीके यानी प्रशांत किशोर ने कुछ ऐसी ही तैयारी शुरू कर दी है।
पीके सबसे पहले किसे बड़ी चोट देंगे या देने की तैयारी में लगे हैं, इसे लेकर तस्वीर साफ होने लगी है। लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रशांत किशोर के निशाने पर सबसे पहले है, जिसके कर्ता धर्ता अब लालू के बेटे तेजस्वी यादव हो चले हैं। पीके अपने लगातार बयानों से भी खुद इस की तस्दीक कर रहे हैं कि वे किसे सबसे पहले ठिकाने लगाना चाहते हैं।
पिछले कुछ दिनों से वे तेजस्वी को लेकर खासे हमलावर हैं। तेजस्वी की पढ़ाई-लिखाई से लेकर डिग्री और राजनीतिक कौशल तक पर प्रशांत किशोर हमला बोल रहे हैं। साथ ही साथ राजद का मुस्लिम-यादव फैक्टर भी उनके निशाने पर है।
जन सुराज नाम की पार्टी की घोषणा कर चुके पीके जानते हैं कि अगर बिहार की राजनीति में मजबूत पैठ बनानी है तो इसका एक बड़ा मौका विधानसभा चुनाव देने जा रहा है। नीतीश कुमार भाजपा के सहयोग से सत्ता में हैं। वैसे तो नीतीश कुमार को लेकर कोई भी गारंटी नहीं ले सकता कि वे कब किसके साथ होंगे लेकिन मौजूदा हालात यही है कि राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद है। सीधे-सीधे कहें तो लड़ाई एनडीए और राजद या महागठबंधन में है लेकिन पीके अब इसे नकार रहे हैं। वे साफ-साफ कह रहे हैं कि राजद न तीन में है और न तेरह में और बिहार में सीधी लड़ाई जन सुराज और एनडीए के बीच होगी।
#WATCH | Patna, Bihar: Jan Suraaj Chief Prashant Kishor says, “If rights are to be given based on the population, then Muslims should contest elections on at least 40 Vidhan Sabha seats… The people of RJD are claiming to be the well-wishers of Muslims. I challenged them that if… pic.twitter.com/Ui20OlRgsx
— ANI (@ANI) September 1, 2024
‘9वीं फेल बताएंगे बिहार के विकास का रास्ता?’
प्रशांत किशोर राजद नेता तेजस्वी यादव पर किस कदर हमलावर है, इसका एक नमूना बिहार के आरा में दिखा। किशोर ने तेजस्वी यादव के शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजद नेता 10वीं पास करने में भी नाकाम रहे। पीके ने कहा, ‘संसाधनों के अभाव में कोई शिक्षित नहीं हो सका, यह बात समझ में आती है। लेकिन अगर किसी के माता-पिता मुख्यमंत्री हैं और फिर भी वह 10वीं कक्षा पास नहीं कर सका, तो यह शिक्षा के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है।’
प्रशांत किशोर यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा, ‘9वीं फेल बिहार के विकास का रास्ता दिखा रहा है। उन्हें (तेजस्वी यादव) जीडीपी और जीडीपी वृद्धि के बीच अंतर नहीं पता है और वह बताएंगे कि बिहार कैसे सुधरेगा?’ प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की साख को चुनौती देते हुए कहा कि वे केवल इसलिए नेता हैं क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे हैं और राजद लालू यादव की पार्टी है। इसके अलावा तेजस्वी की कोई पहचान नहीं है।
‘समाजवाद पर पांच मिनट बोल कर दिखा दें तेजस्वी यादव’
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि तेजस्वी यादव समाजवाद की परिभाषा तक नहीं बता सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं तेजस्वी यादव को चुनौती दे रहा हूं कि वो समाजवाद पर बिना कागज देखे 5 मिनट नहीं बोल सकते हैं। समाजवाद है क्या, वो सिर्फ यही बता दें, अगर वो बता देंगे तो हम उनको नेता मान लेंगे। वो दस दिन कोचिंग, ट्यूशन करके आएं और फिर बताएं कि समाजवाद क्या है।’
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के 10 सितंबर से बिहार की विभिन्न जिलों की यात्रा पर निकलने के जिक्र पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि ‘तेजस्वी यादव में दम है तो किसी एक विधानसभा में पैदल चलकर दिखा दें। वे यात्रा पर क्या निकलेंगे…25 गाड़ी आगे 25 गाड़ी पीछे, एयर कंडीशन बस में बैठकर खाने का दो फोटो, दो-चार मुरेठा बांधेंगे, चार लोगों को गाली गलौच करेंगे और कहानी खत्म हो जाएगी।’
राजद के MY वोटबैंक पर निशाना
प्रशांत किशोर ने राजद पर मुसलमानों को ‘वोट बैंक’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने राजद को बिहार में मुस्लिम आबादी के अनुसार टिकट देने की चुनौती दी। किशोर ने कहा कि अगर राजद मुसलमानों का रहनुमा होने का दावा करता है, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुसलमान समाज के लोग कम से कम 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ें क्योंकि बिहार में करीब 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज कम से कम 40 महिला उम्मीदवारों को 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा चुनाव में उतारेगी। प्रशांत किशोर ने खुद भी आबादी के हिसाब से इतने ही मुस्लिम उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए। किशोर ने ये भी चुनौती दे डाली कि अगर राजद को लगता है कि जन सुराज के चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोट बटेंगे तो वो उन सीटों पर हिंदू उम्मीदवार उतारेगी जहां राजद के मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में होंगे।
तेजस्वी Vs प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर इससे पहले भी तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता और क्षमताओं को लेकर सवाल उठा चुके हैं। कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि ‘बिहार के लोग ऐसे किसी शख्स के तहत काम नहीं करना चाहते जो 10वीं फेल है। याद रखिए मैंने 10वीं फेल कहा है न कि 9वीं फेल।’ प्रशांत किशोर के इस बयान पर तब तेजस्वी यादव का भी जवाब आया था। उन्होंन कहा था यह लोकतंत्र है और कोई भी अपना विचार रख सकता है।