नई दिल्लीः दिल्ली में शनिवार को आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज कर दीं। हालांकि नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह नीति आयोग की बैठक के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने दिल्ली आए हैं।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री और एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल होने आया हूं। उस बैठक का समय थोड़ा आगे बढ़ा दिया गया है और मैं उसमें भाग लूंगा।”

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को बिहार में केंद्र सरकार के सहयोग से हो रहे विकास कार्यों के लिए धन्यवाद देंगे। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'जल-जीवन-हरियाली अभियान' की भी चर्चा प्रधानमंत्री के साथ करेंगे।”

पहले भी नीति आयोग की बैठक से दूरी बना चुके हैं नीतीश

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाई हो। पूर्व में भी वे कई बार इस मंच से अनुपस्थित रहे हैं, लेकिन इस बार मामला इसलिए अधिक चर्चा में है क्योंकि वह अब केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा हैं और हाल के दिनों में उनके रिश्ते भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मजबूत हुए हैं।

नीतीश कुमार के दिल्ली रवाना होते ही विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने उन पर कटाक्ष किया। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “नीतीश कुमार अब तक नीति आयोग की बैठकों से दूरी बनाए रखते थे, लेकिन इस बार उन्हें अपनी कुर्सी की चिंता है, इसलिए दिल्ली दौरा कर रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक 25 मई को होनी है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिसमें उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री – विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी – भी इस बैठक में भाग लेंगे।