सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है? क्या है इस दिन का इतिहास

इस बार के सेना दिवस की थीम समर्थ भारत, सक्षम सेना रखी गई है। सेना दिवस पर इस साल मुख्य परेड पुणे में आयोजित की जा रही है।

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Pune: The Madras Regiment contingent marches past during the full dress rehearsals for the Army Day Parade 2025 in Pune on Saturday, January 11, 2025. (Photo: IANS/Rahul Deshmukh)

पुणे में सेना दिवस परेड 2025 के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान मद्रास रेजिमेंट की टुकड़ी (फोटो: IANS)

दिल्लीः भारत में हर साल 15 जनवरी को 'सेना दिवस' (Army Day) के रूप में जाना जाता है। इसे 'थल सेना दिवस' के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन मां भारती के वीर सपूतों द्वारा देश के लिए किए गए योगदान को समर्पित है। इस बार 77वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। सेना दिवस पर इस बार की मुख्य परेड पुणे में आयोजित की जा रही है। आमतौर पर यह कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा है। हालांकि हाल के वर्षों में सेना दिवस की परेड दिल्ली से बाहर भी आयोजित कराने की परंपरा शुरू हुई है।

साल 2023 में इसे कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु और फिर पिछले साल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किया गया था। इस बार पुणे को चुना गया है और दिलचस्प बात ये है कि इतिहास में पहली बार राजधानी से बाहर किसी अन्य शहर में सेना दिवस का परेड आयोजित किया जा रहा है। सवाल है कि आखिर 'सेना दिवस' 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है, इस दिन का इतिहास क्या है?

सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाते हैं?

15 जनवरी 1949 को पहली बार सेना दिवस मनाया गया था। इसी दिन जनरल के.एम.करिअप्पा ने पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया था। अंग्रेजों की करीब 200 सालों की गुलामी के बाद यह पहला मौका था जब भारतीय सेना की पूरी कमान किसी भारतीय के हाथ में थी।

केएम करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के तौर पर पदभार ग्रहण किया था। इसी के बाद हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। यहां ये भी बताते चलें कि भारतीय सेना का गठन ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुआ था। बाद में ये 'ब्रिटिश भारतीय सेना' और फिर आजादी के बाद भारतीय सेना बन गई।

परंपरागत रूप से मुख्य सेना दिवस परेड दिल्ली के करिअप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाता रहा है। हालांकि, पिछले तीन वर्षों से इसमें बदलाव हुआ है। सेना दिवस परेड में सेना के मार्च के साथ-साथ नए उन्नत हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाता है।

सेना दिवस 2025:  क्या खास है इस बार?

भारतीय सेना दिवस की परेड पुणे में आयोजित की जा रही है। इस बार सेना दिवस की परेड में पहली बार एनसीसी की महिला टुकड़ी शामिल होगी। इसके साथ ही रोबोटिक खच्चर भी इस परेड का हिस्सा बनेंगे, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगे। इसके साथ ही, कैप्टन संध्या महला भारतीय सेना की दो प्रतिष्ठित महिला टुकड़ियों की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर एक मील का पत्थर स्थापित करेंगी। वह महिला अग्निवीर दल का नेतृत्व करेंगी। पुणे के दक्षिणी कमान परेड ग्राउंड में दर्शक स्वदेशी रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन भी देखेंगे। इसमें अर्जुन एमके-1ए टैंक, के9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर और मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित उन्नत ड्रोन शामिल हैं।

सैन्य उपकरणों के अलावा सेना दिवस कार्यक्रम का एक उद्देश्य आम लोगों से जुड़ना भी होता है। इसलिए इस परेड में सेना की बैंड की ओर से प्रदर्शित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित पैरा-जंपिंग और युद्ध अभ्यास जैसे प्रदर्शन भी नजर आएंगे। अंतरराष्ट्रीय सौहार्द को दर्शाते हुए 33 सदस्यीय नेपाल सेना बैंड भी परेड में शामिल होगी, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रदर्शित करते हैं। इस बार के सेना दिवस की थीम 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' रखी गई है।

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