नेट परीक्षा रद्द किए जाने के बाद एनटीए ने CSIR-UGC-NET परीक्षा क्यों स्थगित की?

यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द होने और सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा के स्थगित किए जाने के बीच बिहार में टीईटी परीक्षा को भी टाल दिया गया है। बिहार टीईटी परीक्षा 26, 27 और 28 जून को होने वाली थी।

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Why did NTA postpone CSIR-UGC-NET exam after NET exam was cancelled?

Why did NTA postpone CSIR-UGC-NET exam after NET exam was cancelled?

नई दिल्लीः नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जून 2024 स्थगित कर दिया है, जो 25 से 27 जून के बीच आयोजित होने वाली थी। इस परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी भी एनटीए की थी। एजेंसी ने उम्मीदवारों को अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट (https://csimnet.nta.ac.in) देखने की सलाह दी है। एनटीए ने कहा है कि किसी भी पूछताछ के लिए उम्मीदवार 011-40759000 या 011-69227700 पर NTA हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं। या csimet@nta.ac.in पर ईमेल कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले एनटीए ने पेपर लीक होने के बाद यूजीसी नेट परीक्षा रद्द कर दी थी। 18 जून को नेट की परीक्षा कराई गई थी लेकिन धांधली का मामला सामने आने पर 19 जून को परीक्षा रद्द कर दी गई। इसको लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने नेट पेपर लीक मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है।

बिहार में टीईटी परीक्षा भी स्थगित

यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द होने और सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा को स्थगित करने के बीच बिहार में टीईटी परीक्षा भी टाल दिया गया है। बिहार टीईटी परीक्षा 26, 27 और 28 जून को होने वाली थी। खबरों के मुताबिक, एक ही दिन में दो परीक्षा होने की वजह से टीईटी परीक्षा को टाला गया है।

सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा के स्थगन को लेकर जारी सर्कुलर में एनटीए ने कहा कि उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जून-2024, जो 25.06.2024 से 27.06.2024 के बीच आयोजित होने वाली थी। लेकिनअपरिहार्य परिस्थितियों के साथ-साथ लॉजिस्टिक मुद्दों के कारण इसे स्थगित की जा रही है। इस परीक्षा के आयोजन का संशोधित कार्यक्रम बाद में आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से घोषित किया जाएगा।

संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा क्या है?

संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और लेक्चरशिप (एलएस)/असिस्टेंट प्रोफेसर की भूमिकाओं के लिए पात्रता निर्धारित करती है। शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, परीक्षा के लिए आवेदन साल में दो बार राष्ट्रव्यापी प्रेस अधिसूचनाओं के माध्यम से ऑनलाइन आमंत्रित किए जाते हैं।

सीएसआईआर-नेट पांच विज्ञान विषयों के लिए आयोजित किया जाता है: जीवन विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान और गणित। इसके विपरीत, यूजीसी-नेट सभी मानविकी विषयों को कवर करता है।

CSIR-UGC NET परीक्षा भारत के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाने की योग्यता रखने वालों के लिए होती है। जो लोग जेआरएफ (Junior Research Fellowship) के लिए पास हो जाते हैं वो भी लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यूजीसी के कुछ और भी नियम पूरे करने होंगे। कुछ लोग सीधे लेक्चरर/असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भी परीक्षा देते हैं और पास हो जाते हैं। उनकी ये योग्यता हमेशा के लिए मान्य रहती है। गौरतलब बात है कि जेआरएफ एक छात्रवृत्ति है जो सिर्फ कुछ समय के लिए दी जाती है. इसकी साथ में कोई पक्की नौकरी नहीं मिलती।  जेआरएफ करने वालों को पहले दो साल ₹31,000 प्रति माह मिलते हैं और सालाना ₹20,000 की आर्थिक मदद भी दी जाती है।

सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा क्यों स्थगित कर दी गई?

एनटीए ने परीक्षा को स्थगित करने कोई ठोस कारण नहीं बताया है लेकिन उसने सर्कुलर में कहा है कि ये "अपरिहार्य परिस्थितियों और रसद संबंधी समस्याओं" के कारण है। उन्होंने यह भी कहा है कि नई परीक्षा तिथियां जल्द ही उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर बताई जाएंगी।

एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यूजीसी-नेट रद्द होने और 1,563 उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा की दोबारा परीक्षा होने के कारण, तुरंत दूसरी परीक्षा आयोजित करना असंभव है। अधिकारी ने कहा, "एनटीए जल्द ही परीक्षा को पुनर्निर्धारित करेगा और जल्द से जल्द परिणाम घोषित करेगा ताकि शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो।"

इस साल विवाद की शुरुआत राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के नतीजों की घोषणा के बाद आरोपों के साथ हुई, जिसमें छात्रों और अभिभावकों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। 1500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने का मुद्दा तब उजागर हुआ जब पता चला कि 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया है। इसके अलावा, राजस्थान के एक केंद्र पर छात्रों ने हिंदी के बजाय अंग्रेजी प्रश्नपत्र मिलने की शिकायत की, साथ ही ओएमआर शीट के फटे होने और पेपर वितरण में देरी की भी शिकायत की। पटना में, एक संदिग्ध पेपर लीक को लेकर मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद चार परीक्षार्थियों सहित धोखाधड़ी के रैकेट में शामिल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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