नई दिल्लीः भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई के संबंध में एक प्रेस ब्रीफिंग की। इस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विक्रम मिस्री ने एक तस्वीर दिखाई जिसमें पाकिस्तानी सेना के लोग 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत मारे गए लोगों के जनाजे में शामिल होते दिखाई दे रहे हैं। 

विक्रम मिस्री ने क्या कहा?

इस पर सवाल उठाते हुए विक्रम मिस्री ने कहा कि यह अजीब है कि पाकिस्तान में नागरिकों के ताबूतों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा जाता है और उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाता है। 

गौरतलब है कि भारत ने छह और सात मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' लांच किया था। भारत द्वारा यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। भारत द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि इस हमले में उसके 26 नागरिक मारे गए हैं। हालांकि भारत ने पुष्टि की थी कि उसके द्वारा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था जिसमें आतंकी मारे गए लेकिन पाकिस्तान ने उनके नागरिक होने का दावा किया।

वहीं, बुधवार को पाकिस्तानी सेना के जवानों की तस्वीरें आईं जिनमें बताया गया कि भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के लोग शामिल थे। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार को यह जनाजा मुरीदके में निकाला गया जो लाहौर से लगभग 40 किमी दूर स्थित है। इसमें जमात-उत-दावा संगठन भी शामिल हुआ। यह एक प्रतिबंधित संगठन है जो कि आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा नेतृ्त्व करता है। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में और क्या कहा गया? 

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, भारत द्वारा की गई कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए जिनके नाम करी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतिम संस्कार उच्च सुरक्षा में किया गया और इसमें पाकिस्तानी अधिकारी भी शामिल हुए। 

इस तस्वीर को दिखाते हुए विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने स्पष्ट रूप से यह बात कही थी कि सात मई की सुबह के सभी हमले सावधानीपूर्वक किए गए हैं और इनमें आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। 

वहीं, मिस्री ने पाकिस्तान के उस दाव को भी पूर्णतः खारिज किया जिसमें भारत पर आरोप लगाया गया था कि भारत ने जानबूझकर धार्मिक स्थानों को चुना है।