शिमलाः हिमाचल प्रदेश में चल रहे विधानसभा के मानसून सत्र के बीच शिमला में जल रक्षकों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को भारी संख्या में जल रक्षक शिमला पहुंचे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जल रक्षकों ने प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आगे भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
जल रक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ज्वालू राम ने कहा कि, हम सरकार के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं, हम सरकार की इज्जत करते हैं। लेकिन, सरकार को भी हम जल रक्षकों के बारे में सोचना चाहिए। हम मानते हैं कि प्रदेश आर्थिक तौर पर मंदी से गुजर रहा है। लेकिन, क्या इसका दंड जल रक्षकों को मिलेगा। जिनकी सैलरी लाखों रुपये की है, उनकी सैलरी आ रही है।
VIDEO | Himachal Pradesh: Water guards protest in Shimla against state government.
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— Press Trust of India (@PTI_News) September 6, 2024
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं जल रक्षक?
जल रक्षकों का कहना है कि उनकी सैलरी चार से माह से नहीं आई है। 14 साल तक जल रक्षक कांट्रेक्ट पर काम करते हैं, इसके बाद उन्हें पक्का किया जाता है। हम सरकार से मांग करते हैं कि 14 साल के कांट्रेक्ट को खत्म कर आठ साल किया जाए। साथ ही सैलरी में भी बढ़ोतरी की जाए। क्योंकि, जितनी सैलरी हमें दी जा रही है, उससे परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है।
जल रक्षकों ने हिमाचल सरकार से कहा है कि अगर सरकार उनकी बात मानती है, तो ठीक है, नहीं तो आने वाले दिनों में प्रदेश भर के सभी जल रक्षक शिमला के कोने-कोने में टेंट लगाकर बैठ जाएंगे।
जब तक मांग पूरी नहीं होती, प्रदर्शन जारी रहेगाः जल रक्षक
जल रक्षकों ने साफ कहा कि हम तब तक विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे, जब तक सरकार हमारी बातों को नहीं मान लेती है। उन्होंने कहा कि कई जल रक्षक भाई ऐसे हैं, जिनके पास घर का राशन लेने के लिए पैसे तक नहीं है। बच्चों की स्कूल फीस भरने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ रहा है। स्थिति काफी खराब हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जल रक्षकों को भरोसा दिलाया था कि न्यूनतम वेतन लागू किया जाएगा। हम आज उनसे पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने वादा किया था, उसे कब पूरा करेंगे।
–आईएएनएस इनपुट