कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के विजय जलूस के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ मामले में बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि इस इवेंट के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए -'पूरी दुनिया को बुला लिया था'। सरकार ने कहा कि इस आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया को आमंत्रित किया था।
कनार्टक सरकार ने क्या दी दलील?
आरसीबी के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले सहित 4 व्यक्तियों द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने RCB और BCCI पर आरोप लगाए। कर्नाटक सरकार के महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की पीठ से कहा, "RCB ने 29 मई को क्वालीफायर-1 में जीत हासिल कर फाइनल में जगह बना ली थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने खिताबी जीत के बाद विजय जुलूस के संबंध में कोई अनुमति नहीं मांगी।"
RCB ने दी केवल कार्यक्रम की जानकारी
महाधिवक्ता शेट्टी ने कहा, "3 जून को मैच शुरू होने से एक घंटे पहले RCB ने एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया कि वे विजय परेड का आयोजन करेंगे। वे अनुमति नहीं मांग रहे थे। उन्होंने केवल हमें अपनी योजनाओं के बारे में बतााया था।"
उन्होंने कहा, "आयोजकों की ओर से एकमात्र संचार कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) द्वारा भेजी गई एक सूचना थी। इसके बावजूद, RCB ने कई सोशल मीडिया पोस्ट कर प्रशंसकों को आमंत्रित कर दिया।" एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा- ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने पूरी दुनिया को बुला लिया हो। उन्होंने बताया कि स्टेडियम के बाहर करीब 3। 5 से 4 लाख लोग पहुंच गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 33,000 लोगों की थी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों ने कभी यह नहीं बताया कि किसे अंदर आने दिया जाएगा। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट में सिर्फ इतना लिखा था कि सभी फैन्स आएं और टीम के लिए चीयर करें।