नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले वीके पांडियन कौन हैं और ओडिशा में क्यों भाजपा के निशाने पर हैं?

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से लोकसभा उम्मीदवार बैजयंत पांडा ने दावा किया है कि उड़िया अस्मिता पर हमला किया जा रहा है क्योंकि नवीन पटनायक को कब्जे में कर लिया गया है।

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Who is VK Pandian, considered close to Naveen Patnaik, and why is he being targeted by BJP in Odisha?

वीके पांडियन। फोटोः IANS

भुवनेश्वरः ओडिशा में हो रहे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा उड़िया 'अस्मिता' को केंद्रीय मुद्दा बनाते हुए सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) पर लगातार हमलावर है। भाजपा ने बीजद नेता वीके पांडियन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को कब्जे में कर लिया है। वे उन्हें कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से लोकसभा उम्मीदवार बैजयंत पांडा ने दावा किया है कि उड़िया अस्मिता पर हमला किया जा रहा है क्योंकि नवीन पटनायक को कब्जे में कर लिया गया है। पांडा ने यह भी कहा है कि पांडियन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आवाज और छवि का इस्तेमाल करके फेक वीडियो जारी कर रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह से लेकर भाजपा के कई दिग्गजों ने पांडियन को घेरा

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक ने यह आरोप लगाया था कि सरकार मुख्यमंत्री पटनायक नहीं बल्कि तमिलनाडु के एक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है।

20 मई को ओडिशा में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि मुट्ठी भर 'भ्रष्ट लोगों' ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के कार्यालय और आवास पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार या खजाने की गुम हुई चाबी तमिलनाडु चली गई है।

पांडियन पर प्रधानमंत्री के हमले पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर कहा था कि वे तमिलों को "लुटेरे" के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। स्टालिन ने कहा था कि  पीएम तमिलनाडु के लोगों के प्रति इतनी नफरत क्यों करते हैं?

दो दिन बाद, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी पटनायक को बंधक बनाए जाने की बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पटनायक "बंधक की स्थिति में" थे और "कोई नहीं जानता कि ओडिशा के सीएम ठीक हैं या नहीं"।

वहीं अमित शाह ने भी ओडिशा में अपनी एक रैली में वीके पांडियन का बिना नाम लिए कहा था कि ओडिशा की सरकार एक तमिल बाबू चलाते हैं। उन्होंने कहा था, ''नवीन बाबू अस्वस्थ हैं। वह अपनी सरकार नहीं चलाते। एक तमिल बाबू इसे चलाते हैं।”

भाजपा के लगातार ऐसे दावों के खंडन के लिए नवीन पटनायक को खुद सामने आना पड़ा। उन्होंने भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि भजापा कितना झूठ बोल सकती है, इसकी एक सीमा है। जैसा कि आप देख सकते हैं, मैं बहुत अच्छा और स्वस्थ हूं। मैं पिछले एक महीने से राज्यभर में चुनाव प्रचार कर रहा हूं।

कौन हैं वीके पांडियन?

वी. कार्तिकेय पांडियन के बारे में ऐसा क्या है जो ओडिशा में विपक्ष को परेशान करता है? ऐसा क्यों है कि भाजपा उस राज्य में उनके तमिल मूल और उड़िया 'अस्मिता' को मुख्य चुनावी मुद्दा बना रही है। पांडियन दरअसल ओडिशा की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति हैं। उनको पटनायक के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता है। वे तमिलनाडु राज्य से ताल्लुक रखते हैं। ओडिशा उनका ससुराल और कर्मभूमि भी है। उन्होंने 2000 बैच आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य किया। साल 2023 में वीआरएस लेकर बीजद में शामिल हो गए। पांडियन को उसी साल कैबिनेट मंत्री के पद के साथ 5टी (ट्रांसफॉर्मेशनल इनिशिएटिव्स) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।

बीते शनिवार को पांडियन ने कई लोकसभा क्षेत्रों और विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के दौरान गलत सूचना फैलाने और जनता को गुमराह करने का प्रयास करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा, “विपक्षी नेता चुनाव के दौरान आते हैं, मीठी बातें करते हैं, झूठ बोलते हैं और घड़ियाली आंसू बहाते हैं।”

पांडियन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के आशीर्वाद से पटनायक एक मजबूत ओडिशा का निर्माण करेंगे। उन्होंने दावा किया कि मां बिराजा और लोगों के आशीर्वाद से नवीन पटनायक 9 जून को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

रिपोर्ट की मानें तो बीजद नेता पांडियन भाजपा के लिए चुनौती बने हुए हैं। मुख्यमंत्री पटनायक की बड़ी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम पांडियन को ही दियाा गया है। इसमें 'आम ओडिशा, नवीन ओडिशा' और 'आम गाँ, आम विकास' नाम की परियोजनाओं भी शामिल हैं जिसके अध्यक्ष पांडियन ही हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि राजनीति में पूर्व आईएएस की बढ़ती सक्रियता से बीजद के कुछ नेता और समर्थक भी नाराज हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक बीजद समर्थक ने कहा कि, हम नवीन बाबू को चुन रहे हैं। लेकिन हम पांडियन को स्वीकार नहीं कर सकते। वह तमिलनाडु से हैं। हमारा नेता एक उड़िया होना चाहिए। समर्थक ने कहा कि बीजद के लोग अहंकारी हो गए हैं। अगर पांडियन ने कार्यभार संभाला तो यह और भी बुरा होगा।

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