नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में सोमवार को मारे तीन गए तीन खालिस्तानी आतकियों से जुड़े मामले पर पंजाब पुलिस ने कुछ नए दावे किए हैं। तीन आतंकियों के खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) से जुड़े होने की बात पुलिस ने बताई थी। इस संगठन से जुड़े मॉड्यूल की जांच के दौरान पंजाब पुलिस को जगजीत सिंह नाम के एक शख्स के बारे में जानकारी मिली है। यह शख्स ब्रिटिश सेना में काम करता रहा है और अफगानिस्तान में भी अपनी सेवा दे चुका है। पुलिस को शक है कि पंजाब में पुलिस प्रतिष्ठानों पर हाल में हुए ग्रेनेड हमलों के पीछे उसकी भूमिका भी अहम है।
आतंकी है ब्रिटिश सेना का जगजीत सिंह?
पीलीभीत के एनकाउंटर के बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में ब्रिटिश सेना के एक सिपाही की पहचान जगजीत सिंह के रूप में की है। गौरव यादव के अनुसार जगजीत सिंह अपने खालिस्तानी संगठन में फतेह सिंह ‘बग्गी’ के नाम से जाना जाता है।
गौरव यादव ने पोस्ट में लिखा, ‘इस मॉड्यूल को KZF का नेतृत्व करने वाले रणजीत सिंह नीता द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसका संचालन जसविंदर सिंह मन्नू द्वारा किया जाता है, जो ग्रीस में रहता और अगवान गांव का रहने वाला है। इसका नियंत्रण यूके में रहने वाले और ब्रिटिश सेना में कार्यरत जगजीत सिंह द्वारा भी किया जाता है। जगजीत सिंह इसके लिए दूसरे नाम फतेह सिंह बग्गी का इस्तेमाल करता है।’
कौन है जगजीत सिंह?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि जांच से पता चलता है कि जगजीत सिंह भारत में एक ऐसे परिवार से आता है, जो लंबे समय से सेना से जुड़ा रहा है। इस परिवार की जड़ें पंजाब के तरनतारन जिले में हैं। जगजीत के दादा, पिता और भाई सहित कई रिश्तेदारों ने भारतीय सेना में सेवा की है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हालांकि हम स्पष्ट हैं कि जगजीत सिंह एक समय में ब्रिटिश सेना में कार्यरत था, लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों से यह पता लगाना बाकी है कि वह अभी भी सेवा में हैं या नहीं। आम तौर पर, हमें ऐसी पूछताछ पर विदेशी एजेंसियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है क्योंकि वे सरकारी प्रतिष्ठान में काम करने वाले अपने किसी भी नागरिक की संलिप्तता से इनकार करते हैं।’
10 साल पहले ब्रिटेन गया था जगजीत सिंह
सूत्रों के अनुसार जगजीत सिंह लगभग 10 साल पहले स्टूडेंट वीजा पर यूनाइटेड किंगडम गया था। ब्रिटिश आर्मी में भर्ती होने से पहले उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री पूरी की।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जगजीत सिंह अपनी बेसिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ब्रिटेन की थल सेना में द राइफल्स की चौथी बटालियन में शामिल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उसे जल्द ही अफगानिस्तान में तैनाती पर भेज दिया गया था जहां उसने अपनी बटालियन के साथ ड्यूटी की।
जगजीत सिंह के दादा भारतीय सेना में कार्यरत थे जबकि उसके पिता सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। समझा जाता है कि उसके भाई ने भी भारतीय सेना में सिख रेजिमेंट में सेवा दी थी।
भारत के ‘दुश्मन’ का ब्रिटिश सेना से कनेक्शन…अब आगे क्या?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह पहली बार है कि ब्रिटिश सेना से जुड़ा कोई व्यक्ति भारत के खिलाफ आतंकवादी मॉड्यूल का नेतृत्व करता पाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अपनी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से ब्रिटिश एजेंसियों के साथ इस मामले को उठाएंगे और इसकी आगे जांच करेंगे।’
पुलिस सूत्रों के अनुसार जगजीत सिंह को आतंकी ऑपरेटिव के रूप में भर्ती करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। एक सूत्र ने कहा, ‘यह ब्रिटिश सरकार के लिए जांच का विषय है कि क्या उनकी सरकारी सेवाओं में ऐसे और भी व्यक्ति हैं। ISI कनाडाई और ब्रिटिश सेनाओं में खालिस्तान के लिए भर्तियों पर नजर रखने के लिए जानी जाती है। इन देशों की सुरक्षा बलों में सिख बड़ी संख्या में मौजूद हैं।’