चेन्नई: तमिलनाडु पुलिस ने लोकप्रिय प्रेरक और आध्यात्मिक वक्ता महाविष्णु को गिरफ्तार किया है। परमपोरुल फाउंडेशन के संस्थापक महाविष्णु पर चेन्नई के सरकारी स्कूलों के "आध्यात्मिक जागृति कक्षाओं" में विवादास्पद बयान देने का आरोप लगा है।

शनिवार शाम को आध्यात्मिक वक्ता को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया है। उन्हें बीएनएस की धारा 5 के तहत गिरफ्तार किया गया है जिसमें विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी शामिल है।

स्कूल के स्टाफ का कहना है कि महाविष्णु को स्कूलों में आध्यात्मिक प्रवचन के लिए नहीं, बल्कि एक प्रेरक वार्ता के तौर पर बुलाया गया था। लेकिन उन्होंने यहां आध्यात्मिक प्रवचन देना शुरू किया था जिसका विरोध भी हुआ था लेकिन वे रूके नहीं थे और अपना बयान जारी रखा था।

आध्यात्मिक वक्ता की गिरफ्तारी सैदापेट पुलिस स्टेशन में दर्ज एक शिकायत के बाद हुई है। शुक्रवार को जारी एक वीडियो में महाविष्णु ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को संबोधित करने के लिए शनिवार को चेन्नई लौटने की घोषणा की थी।

महाविष्णु को कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद उन्हें चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सैदापेट मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था जिन्होंने उन्हें 20 सितंबर तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है।

महाविष्णु ने क्या बयान दिया है

दरअसल, 28 अगस्त को चेन्नई के सरकारी स्कूलों में महाविष्णु ने कर्म और पुनर्जन्म के बारे में बयान दिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ है। विवादास्पद वायरल वीडियो में महाविष्णु को यह कहते हुए सुना गया है कि कैसे भारत में अंग्रेजों ने हमारी गुरुकुल पद्धत्ति को धीरे-धीरे खत्म किया है।

महाविष्णु के अनुसार, हमारे पूर्वजों ने ग्रंथों में ऐसी-ऐसी चीजें और मंत्र लिखे थे जिसके उच्चारण से बारिश होना शुरू हो जाती थी। यही नहीं इन मंत्रों के कारण लोगों की बीमारियों को भी ठीक भी किया जा सकता था। इन मंत्रों के उच्चारण से मनुष्य उड़ने भी लगते थे।

महाविष्णु का दावा है कि अंग्रेजों ने गुरुकुल पद्धत्ति को खत्म कर दिया है जिससे यह मंत्र भी खत्म हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए यह भी कहा है कि अगर भगवान दयालु होते तो सब बराबर पैदा होते।

ऐसा क्यों है कि कोई अमीर तो कोई गरीब पैदा होता है। उन्होंने सवाल पूछा कि आखिर क्यों कोई क्रिमिनल तो कोई हीरो होता है। अपने बयान को बल देने के लिए उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे पिछले जन्म के कर्म हैं जिसका अच्छा और बुरा फल हमें इस जन्म में मिल रहा है।

दृष्टिहीन शिक्षक से भीड़ गए महाविष्णु

घटना से जुड़े एक वीडियो में महाविष्णु को दृष्टिहीन शिक्षक के साथ भिड़ते हुए देखा गया है। महाविष्णु के बयानों पर शिक्षक ने आपत्ति जताई थी और उन्होंने उनके धार्मिक विचारों के लिए उन्हें चुनौती भी दी थी।

सैदापेट के संबंधित सरकारी स्कूल में शंकर नामक एक अन्य शिक्षक महाविष्णु के बयान को लेकर सवाल भी खड़े किए थे। गुरुवार को घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे।

सोशल मीडिया पर बढ़ा शिक्षा मंत्री की इस्तीफे की मांग

मामला तब और तूल पकड़ लिया जब महाविष्णु की कई मंत्रियों के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी जिनमें राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश भी शामिल थे। महाविष्णु द्वारा दिए गए विवादास्पद भाषणों के वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।

इस पर सोशल मीडिया पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है और हैशटैग #Resign_AnbilMahesh ट्रेंड करने लगा जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी के इस्तीफे की मांग की जा रही थी।

घटना को लेकर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्यों ने महाविष्णु के बयानों का विरोध किया है और तमिलनाडु शिक्षा विभाग से जवाबदेही की मांग की है।

उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाविष्णु की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है। भाजपा तमिलनाडु के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने सरकार के फैसले पर असहमति भी जताई है।

सीएम स्टालिन ने क्या कहा है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने छात्रों को वैज्ञानिक रूप से अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर देकर इन आलोचनाओं का जवाब दिया है।

सीएम ने आश्वासन दिया है कि छात्रों का मार्गदर्शन करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सीएम ने कहा है कि शिक्षा विभाग ट्रेनिंग में सुधार और सामाजिक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई भी करेगा।

शिक्षा मंत्री अंबिल महेश ने भी स्कूलों में इस तरह के आयोजनों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है और पुष्टि की कि वह महाविष्णु के साथ बहस करने वाले शिक्षक से भी मिलेंगे।

बीएनएसएस की कई धाराओं में महाविष्णु पर मामला दर्ज

महाविष्णु के वीडियो को ऑनलाइन देखने के बाद एन विजयराज नामक एक शख्स ने पुलिस से इसकी शिकायत की है। मामले में सैदापेट पुलिस ने बीएनएसएस की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।

बीएनएसएस की धारा 192, 196 (1) (ए), 352, और 353 (2) और विकलांगता अधिनियम 2016 की धारा 92 के तहत महाविष्णु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस शिकायत में एन विजयराज ने कहा है कि महाविष्णु ने एक दृष्टिबाधित शिक्षक का अपमान किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि महाविष्णु के शिक्षकों के लिए अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल करने से छात्रों पर बुरा असर पड़ सकता है और इससे टीचरों का सम्मान प्रभावित भी हो सकता है।

दोनों स्कूलों के प्रिंसिपलों का हुआ ट्रांसफर

घटना के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापिका के खिलाफ एक्शन भी लिया है। चेन्नई के अशोक नगर सरकारी बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल और सैदापेट सरकारी मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल का ट्रांसफर किया गया है।

कौन हैं महाविष्णु?

महाविष्णु एक मोटिवेशनल और अध्यात्मिक स्पीकर हैं। ये परमपोरुल फाउंडेशन के मालिक हैं। उनका जन्म 2 जुलाई 1994 को मदुरई में हुआ था। उनका बचपन से ही अध्यात्म की ओर झुकाव रहा है।

1 अप्रैल 2021 को उन्होंने परमपोरुल फाउंडेशन को शुरू किया था। दावा है कि उनका यह फाउंडेशन हर रोज 300 से 500 भूखों को खाना खिलाता है। परमपोरुल फाउंडेशन के नाम से एक यूट्यूब चैनल भी है जो काफी लोकप्रिय भी है। वह युवाओं में काफी फेमस हैं और उनके बयान अकसर वायरल होते रहते हैं।