ओडिशा की पहली मुस्लिम महिला विधायक बनने वाली सोफिया फिरदौस कौन हैं?

ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में सोफिया ने भाजपा उम्मीदवार और प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्ण चंद्र महापात्रा को 8,001 मतों के अंतर से हराया है।

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Odisha Congress MLA Sophia Firdous. Photo: Instagram

ओडिशा की कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस। फोटोः इंस्टाग्राम

भुवनेश्वरः कांग्रेस की 32 वर्षीय नवानिर्वाचित विधायक सोफिया फिरदौस इन दिनों चर्चा में हैं। वह बाराबती-कटक सीट जीतने वाली ओडिशा की पहली मुस्लिम महिला विधायक बनी हैं। ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में सोफिया ने भाजपा उम्मीदवार और प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्ण चंद्र महापात्रा को 8,001 मतों के अंतर से हराया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सोफिया कहा कि वह एक "मुस्लिम विधायक" के बजाय एक उड़िया, भारतीय और एक महिला के रूप में अपनी पहचान रखती हैं।

ओडिशा विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सोफिया से पहले ओडिशा में 1937 से अब तक 141 महिला विधायक चुनी गईं, लेकिन किसी भी मुस्लिम महिला को विधानसभा सीट नहीं मिली थी। बतौर मुस्लिम महिला सोफिया ने अपनी जीत को ऐतिहासिक जरूर बताया लेकिन इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा में कुल मिलाकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है, इस बार 147 विधायकों में से केवल 11 महिलाएँ हैं।

टीओआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़नी चाहिए। उनको राजनीति सहित हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए। महिलाएँ मुझे एक रोल मॉडल के रूप में देख सकती हैं। मेरी आदर्श राजनीतिज्ञ पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी हैं।

एनडीटीवी से बातचीत में भी सोफिया ने महिला सशक्तिकरण की बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट में अपने करियर और पेशेवर जीवन के दौरान, मैंने महिला सशक्तिकरण के लिए कड़ी मेहनत की है और मैं राजनीति में भी ऐसा करना जारी रखूंगी। मुस्लिम राजनेता होने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था।

कौन हैं सोफिया फिरदौस?

सोफिया फिरदौस एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। वह वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम की बेटी हैं। मोहम्मद मोकियम बाराबती-कटक विधानसभा सीट से विधायक थे। लेकिन लोन धोखाधड़ी मामले में दोषी पाए जाने के बाद एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्होंने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी लेकिन अदालत ने फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने पिता की जगह बेटी को मैदान में उतारने का फैसला किया।

फिरदौस ने कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। इसके बाद 2022 में उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान,  आईआईएम बैंगलोर से कार्यकारी सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम में डिग्री हासिल की। वह एक रियल एस्टेट कंपनी की निदेशक हैं और कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के भुवनेश्वर चैप्टर की अध्यक्ष हैं। सोफिया इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं।

3.64 करोड़ रुपये की घोषित संपत्ति के साथ उन्होंने 24 साल की उम्र में केआईआईटी विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र में कदम रखा था।  एनडीटीवी के मुताबिक, सोफिया इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) के भुवनेश्वर चैप्टर की सह-अध्यक्ष भी हैं। इसके साथ ही INWEC इंडिया की मुख्य सदस्य हैं। उनकी शादी उद्यमी शेख मेराज उल हक से हुई है।

किसको कितनी मिली हैं सीटें

सोफिया फिरदौस ने भाजपा के पूर्ण चंद्र महापात्रा को 8001 मतों के अंतर से हराया। ओडिशा के 147 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के खाते में केवल 14 सीटें गई हैं। इस मामले में वह तीसरे नंबर पर रही है। जबकि भाजपा ने 78 सीटें और बीजद ने 51 सीटें जीती हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य की 21 में से 20 सीटों पर जीत दर्ज की, जो 2019 के चुनावों में मिली 12 सीटों से आठ ज्यादा है। बाकी सीटें कांग्रेस के खाते में गईं, जबकि बीजद को एक भी सीट नहीं मिली।भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसने इस जीत के साथ 24 वर्षों से सत्ता में रही बीजद को बाहर कर दिया।

 

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