लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के एक फैसले ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती ने अपने सबसे पसंदीदा भतीजे आकाश आनंद को पहले तमाम पदों से हटाकर उन्हें राजनीतिक उत्तराधिकारी पद से बाहर किया। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी से ही निष्कासित कर दिया। अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से हटाने के बाद उनकी जिम्मेदारियां अपने भाई आनंद कुमार और सांसद रामजी गौतम के बीच बांटी है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों को राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर का पद दिया गया है। अब तक यह जिम्मेदारी आकाश आनंद के पास थी।

कौन है रामजी गौतम?

बता दें कि रामजी गौतम बहुजन समाज पार्टी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। वह मायावती के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर अब लोगों के बीच कई प्रकार की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, मायावती ने रामजी गौतम पर भरोसा जताकर पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं को एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने साफ किया है कि अगर पार्टी के हित में कोई भी काम करेगा तो उसे बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

रामजी गौतम के राजनीतिक करियर पर डालें एक नजर

मालूम हो कि रामजी गौतम यूपी के लखीमपुर खीरी जिले से आते हैं। वह दूसरी बार बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक का पद संभाल रहे हैं। वह दलित राजनीति से जुड़े रहे हैं और बीआर आंबेडकर और कांशीराम से प्रभावित रहे हैं। साल 1990 में वह बसपा में शामिल हुए और तीन साल के भीतर ही बूथ स्तर के अध्यक्ष बनाए गए। रामजी गौतम ने लखीमपुर में पार्टी के सेक्टर-स्तर के अध्यक्ष और विधानसभा इकाई के महासचिव के रूप में कार्य किया। इतना ही नहीं साल, 2014 में उन्हें पुवायां विधानसभा सीट के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई।

फिर साल 2016 में उन्हें तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल का प्रभारी बनाया गाय। ये पद उनके पास करीब दो साल तक रहा। आंध्र प्रदेश और तेंलगाना में भी उन्हें यही जिम्मेदारी मिली। फिर साल 2016 में ही रामजी गौतम को उपाध्यक्ष बनाया गया। 2019 में फिर आनंद कुमार को उपाध्यक्ष बना दिया। आकाश आनंद राष्ट्रीय समन्वयक बन गए। 2022 में गौतम केंद्रीय समन्वयक बने और उन्हें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया।

मायावती ने रामजी गौतम पर क्यों लगाया दांव?

साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में बसपा ने मात्र छह सीटें जीतीं, वह तब राज्य प्रभारी रहे। 2020 में बसपा ने रामजी गौतम को राज्यसभा के लिए नामित किया। साल 2019 में नौ सांसदों वाली बसपा के वह इकलौते सांसद हैं, वह भी राज्यसभा से। वहीं, पार्टी के शिक्षित युवा चेहरे के रूप में रामजी गौतम को आगे बढ़ाकर प्रदेश में मायावती एक बार फिर पार्टी के वोट बैंक को हासिल करने की कोशिश करती दिख रही हैं।