कौन हैं प्रदीप सिंह खरोला जिन्हें सुबोध कुमार की जगह एनटीए का बनाया गया प्रमुख?

\xa0प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे। उन्होंने कर्नाटक में शहरी अवसंरचना विकास और वित्त निगम (KUIDFC) का भी नेतृत्व किया है, जो शहरों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाता है।

एडिट
Pradeep Singh Kharola , who is Pradeep Singh Kharola , Pradeep Singh Kharola nta dg

Pradeep Singh Kharola. (File Photo: IANS)

नई दिल्लीः नीट यूजी और नेट विवाद के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के डीजी सुबोध कुमार को हटा दिया गया है। उनकी जगह प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए का नया डीजी नियुक्त किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने 22 जून की रात इसकी घोषणा की। सुबोध कुमार सिंह को हटाकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में "अनिवार्य प्रतीक्षा" पर रखा गया है।

नीट-यूजी और यूजीसी-नेट पेपर लीक को लेकर एनटीए पर लगातार सवाल उठ रहे थे। सरकार ने यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया है, जबकि नीट-यूजी में भी पेपर लीक होने के आरोप हैं और इसे रद्द करने की मांग की जा रही है। शुक्रवार को सरकार ने सीएसआईआर-यूजीसी नेट को भी स्थगित कर दिया।  शनिवार 23 जून को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा को भी टाल दिया गया।

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा था कि एनटीए का शीर्ष नेतृत्व नीट और नेट परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में है। हालांकि, उन्होंने सीएसआईआर-यूजीसी नेट में किसी भी पेपर लीक से इनकार किया जिसे स्थगित कर दिया गया था।

क्या है एनटीए?

भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत नवंबर 2017 में स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) एक स्वायत्त निकाय है, जिसे उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने का काम सौंपा गया है। एनटीए एनईईटी, जेईई, सीटीईटी, गेट, जीपीएटी, जीमैट, कैट, यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-यूजीसी नेट जैसी परीक्षाएं आयोजित करता है। एजेंसी की अध्यक्षता शिक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् द्वारा की जाती है, जिसके वर्तमान अध्यक्ष यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी हैं।

प्रदीप सिंह खरोला कौन हैं?

प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे। उन्होंने कर्नाटक में शहरी अवसंरचना विकास और वित्त निगम (KUIDFC) का भी नेतृत्व किया है, जो शहरों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाता है। नवंबर 2017 में उन्हें एयर इंडिया का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, खरोला के कार्यकाल के दौरान, सरकार एयर इंडिया के निजीकरण के अपने पहले प्रयास में विफल रही। साल 2019 में उनको नया नागरिक उड्डयन सचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (BMRC) के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया था। वहीं, 2022 से वह भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। खरोला को नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक परीक्षण एजेंसी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

उत्तराखंड के रहने वाले हैं प्रदीप सिंह खरोला

प्रदीप सिंह खरोला उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1982 में इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। ​​ 2012 में उन्हें ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। वहीं साल 2013 में प्रधानमंत्री के उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार से भी खरोला को नवाजा गया। इसके बाद उन्होंने 1984 में आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया, जिसमें वे टॉपर रहे। इसके अलावा उन्होंने फिलीपींस के मनीला में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से डेवलपमेंट मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है।

समिति गठित

सरकार ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति का उद्देश्य एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पारदर्शी और कदाचार मुक्त आयोजन के लिए सुझाव देना है। इसके लिए वह परीक्षा की प्रक्रिया का शुरू से लेकर अंत तक विश्लेषण करेगी और तंत्र में सुधार के लिए सुझाव देगी जिससे किसी संभावित लीकेज को टाला जा सके।

नीट मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई

इस बीच सरकार ने नीट मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी लंबे समय से मांग कर रहे थे। इसके अलावा नेट पेपर लीक मामले की भी सीबीआई जांच कर रही है। नीट और नेट को लेकर सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी की है।

 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article