नई दिल्लीः टाटा ग्रुप के दिग्गज दिवंगत रतन टाटा ने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी उपस्थिति आज भी खबरों में बनी रहती है। अभी हाल ही में उनकी वसीयत एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, उनके वसीयत में शामिल एक नाम ने टाटा परिवार के अलावे पूरे कारोबार जगत को चौंका दिया है। वह नाम है जमशेदपुर के एक करोबारी मोहिनी मोहन दत्ता का। बताया जा रहा कि रतन टाटा ने अपनी वसीयत में करीब 500 करोड़ रुपये उनके नाम करने की बात कही है। ऐसे में सवाल है की कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता? और रतन टाटा की वसीयत में उनका नाम क्यों है?

कौन है मोहिनी मोहन दत्ता?

रिपोर्ट्स की मानें तो, रतन टाटा के पास कुल 10000 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं, उन्होंने अपनी वसीयत में अलग-अलग लोगों के नाम डाले हैं। इन नामों में फाउंडेशन, भाई जिम्मी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय और घरेलू स्टॉफ मेंबर्स का नाम भी शामिल है। इसके अलावा रतन टाटा के एक दोस्त की काफी चर्चा हुई थी, जिनका नाम शांतनु नायडू है। वहीं, अब क्रम में एक नाम और जुड़ गया है, जिनके नाम पर उन्होंने 500 करोड़ रुपये छोड़े हैं। बता दें कि मोहिनी मोहन दत्ता, ट्रैवल सेक्टर के उद्यमी हैं और जमशेदपुर के रहने वाले हैं।

मोहिनी मोहन दत्ता का परिवार कभी स्टैलियन नामक ट्रैवल एजेंसी चलाता था, जिसका 2013 में ताज ग्रुप ऑफ़ होटल्स के हिस्से ताज सर्विसेज़ में विलय हो गया था। स्टैलियन में दत्ता परिवार की 80% हिस्सेदारी थी, जबकि टाटा इंडस्ट्रीज के पास शेष 20% हिस्सेदारी थी। मोहिनी दत्ता टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर भी रहे हैं और यह थॉमस कुक से जुड़ी एक कंपनी थी।

मोहिनी मोहन की कब हुई थी रतन टाटा से पहली मुलाकात 

मोहिनी मोहन का दावा है कि वे रतन टाटा के करीबी थे और उनकी वसीयत से बड़ी राशि मिलने की उम्‍मीद भी कर रहे हैं। दत्ता ने रतन टाटा की संपत्ति को स्‍वीकार करने पर सहमति भी जता दी है। बताया जा रहा है कि दत्ता की दो बेटियों में से एक बेटी ने ताज होटल्स में काम करने के बाद 2024 तक नौ साल तक टाटा ट्रस्ट में काम किया। अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के अंतिम संस्कार के दौरान, मीडिया में दत्ता ने कहा था कि वह रतन टाटा से पहली बार जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में मिले थे उस वक्त रतन 24 साल के थे।

अपने अंतिम वर्षों में रतन टाटा ने अपनी अधिकांश संपत्ति वितरित करने के लिए दो संस्थाएं स्थापित कीं थी रतन टाटा एंडोमेंट फ़ाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट। अनुमान है कि उनके पास टाटा संस में सीधे तौर पर 0.83% की हिस्सेदारी थी और उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹8,000 करोड़ थी। सूत्रों का दावा है कि उनकी वास्तविक संपत्ति काफी अधिक हो सकती है।