ओट्टावाः मार्क कार्नी कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। वह लिबरल पार्टी के अगले उत्तराधिकारी और देश के 24वें प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। कार्नी इससे पहले बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं।

गौरतलब है इसी साल जनवरी में जस्टिन ट्रुडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। वहीं कार्नी ने पद संभालते ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है। 

ट्रंप पर साधा निशाना

कार्नी ने विद्रोही रुख अपनाते हुए ट्रंप पर कनाडाई श्रमिकों, परिवारों और व्यवसायों पर हमला करने का आरोप लगाया। कार्नी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपित कनाडा पर टैरिफ लगाकर देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं।

कार्नी ने यह भी कहा कि यह नहीं सहन किया जाएगा और हम भी अमेरिका पर रेसिप्रोकल टैरिफ जारी रखेंगे। इसके साथ ही कार्नी ने अमेरिका पर कनाडा के संसाधन, पानी और ज़मीन को हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि ओटावा कभी भी "किसी भी तरह, आकार या रूप में" अमेरिका का हिस्सा नहीं होगा। "

कार्नी का जन्म और शिक्षा

मार्क कार्नी का जन्म नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में हुआ था। कार्नी का पालन पोषण एडमंटन में हुआ और इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद कार्नी यूनाइटेड किंगडम गए। यहां से उन्होंने मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। इसके बाद साल 1995 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 

साल 2008 में कार्नी को बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व को शीघ्र ही पहचान मिली। टाइम मैगजीन ने 2010 में उन्हें 25 प्रभावशाली नेताओं में से एक बताया। इसके बाद रीडर्स डाइजेस्ट ने उन्हें कनाडा का "सबसे विश्वसनीय कनाडाई" के रूप में सम्मानित किया। वहीं, साल 2012 में यूरोमनी मैगजीन ने उन्हें सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर नामित किया। 

साल 2013 में कार्नी यूनाइटेड किंगडम गए और इंग्लैंड में गवर्नर का पद ग्रहण किया। यह पद ग्रहण करने वाले वह पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने। इस पद पर कार्नी ने 2020 तक सेवाएं दी। 

हालिया वर्षों में कार्नी संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत का रोल निभाया है। इसके साथ ही ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट में ट्रांजिशन इन्वेस्टिंग के प्रमुख की भी भूमिका निभाई है। कनाडा की लिबरल पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए कार्नी ने इन पदों से इस्तीफा दे दिया।