लेबनान पेजर विस्फोट का केरल से कनेक्शन! कौन है रिन्सन जोस जिसकी हो रही है चर्चा?

हंगरी ने पेजर मुद्दे में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। हंगरी सरकार के प्रवक्ता और अंतरराष्ट्रीय संचार राज्य मंत्री जोल्टन कोवाक्स ने अपने एक्स और फेसबुक अकाउंट पर इस मुद्दे को लेकर देश का पक्ष रखा है।

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Who is Kerala Norway Rinson Jose who is linked to the Lebanon hezbollah pager blast Norta Global Ltd

लेबनान पेजर विस्फोट का केरल से कनेक्शन! कौन है रिन्सन जोस जिसकी हो रही है चर्चा? (फोटो- सोशल मीडिया और IANS)

सोफिया: लेबनान में हिजबुल्लाह की सदस्यों पर पेजर हमलों के पीछे नार्वे में बसे एक भारतीय का नाम सामने आया है। मंगलवार को हुए इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए थे और करीब दर्जनों भर लोग घायल भी हुए थे।

एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यूरोपीय देश बुल्गारिया में स्थित कंपनी नॉर्टा ग्लोबल पर धमाकों में इस्तेमाल किए गए पेजर की आपूर्ति करने का आरोप लगा है। दावा है कि इस कंपनी का मालिक भारतीय मूल का रिन्सन जोस है। खुलासे के बाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां कंपनी की जांच में लग गई हैं।

लेबनान में पेजर सप्लाई को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इससे पहले ताइवान की एक कंपनी पर इन पेजरों को बनाने और आपूर्ति करने का आरोप लगा था। इन आरोपों पर ताइवान की कंपनी ने बाद में सफाई भी दी थी।

इससे पहले यूरोपी देश हंगरी पर भी इस तरह के आरोप लगे थे जिस पर उसने भी इन आरोपों को खारिज किया था।

क्या दावे किए गए हैं

रिपोर्ट में दावा है कि जोस की कंपनी ने लेबनान में धमाके वाले पेजर की आपूर्ति की है। यह वही कंपनी है जिसकी जोस ने अप्रैल 2022 में स्थापना की थी। कंपनी के बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में स्थित होने का भी दावा किया गया है।

दावा यह भी है कि कंपनी ने पिछले साल यूरोपीय संघ के बाहर कंसल्टिंग काम से लगभग 725 000 डॉलर (छह करोड़ रुपए) कमाए हैं। वहीं हंगरी की मीडिया ने दावा किया है कि जोस की कंपनी ने पेजरों की आपूर्ति में मदद की है।

बल्गेरियाई राज्य राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने इस तरह के लेन-देन में कंपनी की किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। दावा यह भी है कि जोस की कंपनी का बुल्गारियाई मुख्यालय सोफिया के पास एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में रेजिस्टर किया गया है जहां पर 200 अन्य कंपनी भी मौजूद है।

हालांकि जांच में यहां पर इस नाम से किसी भी कंपनी के मौजूद होने की पुष्टि नहीं हुई है। कंपनी की वेबसाइट जिसने कंसल्टिंग, टेक्नॉलिजी और पेमेंट इंटीग्रेशन, भर्ती और आउटसोर्सिंग जैसी सेवाएं देने का जिक्र किया है, उसका वेबसाइट अभी डाउन दिख रहा है।

कौन है रिनसन जोस?

37 साल के रिन्सन जोस का जन्म केरल के वायनाड में हुआ था। वह साधारण पृष्ठभूमि से आता है। उसके माता-पिता मुथेदाथ जोस और ग्रेसी केरल में दर्जी का काम करते हैं। भारत में पढ़ाई और काम करने के बाद वह कुछ साल पहले आगे की पढ़ाई के लिए नॉर्वे गया था।

नार्वे की राजधानी ओस्लो में बसने से पहले उसने कुछ समय के लिए लंदन में काम भी किया था। जोस के रिश्तेदारों के अनुसार, वह शादीशुदा है और वह अपनी पत्नी के साथ ओस्लो में रह रहा है। उसका एक जुड़वां भाई भी है जो लंदन में रहता है और उसकी एक बहन भी है जो आयरलैंड में नर्स है।

नॉर्वे जाने से पहले जोस ने साल 2010 में पांडिचेरी से एमबीए भी किया था। जोस ने ओस्लो में अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य नीति में मास्टर डिग्री हासिल की है। उसके लिंक्डइन पेज से पता चलता है कि उसने लगभग पांच साल तक नॉर्वे की प्रेस समूह डीएन मीडिया के लिए डिजिटल कस्टमर सपोर्ट के तौर पर काम भी किया है।

संपर्क किए जाने पर मीडिया कंपनी ने पुष्टि की है कि वह मंगलवार से किसी काम के लिए विदेश गया है जिससे अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है। डीएन मीडिया और नॉर्वे के अधिकारी स्थिति से अवगत हैं और वे लोग इसकी अलग-अलग जांच भी कर रहे हैं।

परिवार वालों ने क्या कहा है

जोस के परिवार वालों का दावा है कि पिछले तीन दिनों से उससे बात नहीं हो पाई है। उसकी पत्नी को भी संपर्क करने की कोशिश की गई है लेकिन उससे भी बात नहीं हो सकी है। उसके परिवार वालों का मानना है कि उसे धोखा दिया होगा और वह निर्दोष है।

परिवार वालों का यह भी कहना है कि इस मामले में गलत तीरके से उसे जोड़ा जा रहा है। उसके परिवार वाले और स्थानीय लोग उसे एक ईमानदार व्यक्ति मानते हैं जो कभी भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है।

उधर मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और केरल पुलिस ने उनके पैतृक गांव से उसके बारे में जानकारी हासिल करना शुरू कर दी है। मीडिया में जोस की पहचान सामने आने के बाद वायनाड पुलिस ने उसके परिवार वालों को भी सुरक्षा देनी की बात कही है।

मामले में बुल्गारिया और हंगरी ने क्या कहा है

बुल्गारियाई राज्य सुरक्षा एजेंसी डीएएनएस ने कहा कि लेबनान धमाकों में इस्तेमाल किए गए पेजर न तो बुल्गारिया में बनाए गए हैं और न ही यहां से बेचे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जोस की कंपनी आतंकवाद से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं रही है।

हंगरी ने 'पेजर मुद्दे' में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। हंगरी सरकार के प्रवक्ता और अंतरराष्ट्रीय संचार राज्य मंत्री जोल्टन कोवाक्स ने अपने एक्स और फेसबुक अकाउंट पर इस मुद्दे को लेकर देश का पक्ष रखा है।

जोल्टन कोवाक्स ने कहा, "पेजर मुद्दे को लेकर हंगरी सरकार की स्थिति अधिकारियों ने स्पष्ट की है कि संबंधित कंपनी एक व्यापारिक मध्यस्थ है, जिसकी हंगरी में कोई मैन्युफैक्चरिंग या ऑपरेशनल साइट नहीं है।"

कोवाक्स ने आगे कहा, "इसके घोषित पते पर एक मैनेजर रजिस्टर्ड है और संदर्भित डिवाइस कभी भी हंगरी में नहीं थे।"

प्रवक्ता ने यह भी कहा, "आगे की जांच के दौरान, हंगरी की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाएं सभी प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय साझेदार एजेंसियों और संगठनों के साथ सहयोग कर रही हैं।" कोवाक्स ने अपने संदेश का समापन यह कहते हुए किया कि इस मामले से हंगरी को "कोई राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम नहीं है।"

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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