नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी धर्मेंद्र को राष्ट्रीय राजधानी का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वे 1987 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नरेश कुमार का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया था। धर्मेंद्र की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब प्रशासन राजधानी के शासन और प्रभावी प्रबंधन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस ने ब्यूरोक्रेसी के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस कदम ने एजीएमयूटी, या केंद्रीय कैडर, के नौकरशाहों के बीच एक महत्वपूर्ण फेरबदल का मार्ग प्रशस्त किया है और आने वाले दिनों में दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और अन्य स्थानों में आईएएस, आईपीएस और डीएएनआईसीएस अधिकारियों की पोस्टिंग पर असर डालेगा।
कौन हैं आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र ?
सिविल इंजीनियरिंग में प्रशिक्षित प्राप्त धर्मेंद्र अप्रैल 2022 से अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे और अब 1987-बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी नरेश कुमार का स्थान लेंगे। नरेश कुमार का कार्यकाल अप्रैल 2022 में शुरू हुआ था जिसके बाद केंद्र सरकार ने उनके सेवा विस्तार को दो बा बढ़ाया था। नरेश कुमार का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया। दो साल के कार्यकाल के दौरान नरेश कुमार और दिल्ली की आप सरकार के बीच कई मौकों पर टकराव पैदा हुए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, धर्मेंद्र उन तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के पैनल में थे, जिन्हें पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा इस महीने की शुरुआत में उनकी सेवानिवृत्ति से पहले दिल्ली के मुख्य सचिव के पद के लिए प्रस्तावित किया गया था।
अतीत में धर्मेंद्र ने राजधानी में कई पदों पर कार्य किया है। वे विभागीय आयुक्त-सह-राजस्व सचिव, एनडीएमसी अध्यक्ष, उपायुक्त (उत्तर पश्चिम दिल्ली), और उपायुक्त (पूर्व दिल्ली) के अलावा उद्योग, पर्यावरण और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभागों के सचिव भी रहे हैं। इसके अलावा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव, शहरी विकास के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद, धर्मेंद्र ने उपभोक्ता मामले मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के साथ-साथ विकास आयुक्त, दमन दीव/दादरा नगर हवेली और निवासी आयुक्त, आइजोल आदि पदों पर भी कार्य किया है।
मुख्य सचिव का काम क्या होता है?
दिल्ली के मुख्य सचिव का पद न केवल केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच एक पुल के रूप में काम करता है, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली की सिविल प्रशासन के प्रमुख होते हैं और सरकारी विभागों में तैनात सभी सिविल सेवकों पर उनका अधिकार होता है। दिल्ली के दैनिक प्रशासन से संबंधित अधिकांश कार्य मुख्य सचिव के माध्यम से ही होते हैं।
दिल्ली मुख्य सचिव का पद हाल ही में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि 2023 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के बाद, मुख्य सचिव अब राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवाएं प्राधिकरण (एनसीसीएसए) के तीन सदस्यों में से एक हैं। एनसीसीएसए दिल्ली के मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव (गृह) के साथ मिलकर, शहर में तैनात सिविल सेवकों के स्थानांतरण, पोस्टिंग और सतर्कता मामलों की देखरेख करता है।
खबरों की मानें तो यह नियुक्ति इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय में हुए बदलाव के बाद से प्रक्रिया में थी और यह उनके बैचमेट, 1989-बैच के सिक्किम कैडर आईएएस अधिकारी गोविंद मोहन की केंद्रीय गृह सचिव के रूप में नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही आई है। माना जा रहा है कि इस कदम ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) जैसी संस्थाओं में भी कई महत्वपूर्ण नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त किया है।