Ghazipur Lok Sabha BSP Candidate: बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर जयंती के मौके पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्वांचल के दो महत्वपूर्ण सीटों, वाराणसी और गाजीपुर पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। वाराणसी से बसपा ने जहां सपा के बागी नेता अतहर जमाल लारी (Athar Zamal Lari) को टिकट दिया है, वहीं गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से डॉ उमेश सिंह (Dr. Umesh Singh) को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा ने गाजीपुर से पारसनाथ राय को टिकट दिया हैं, वहीं सपा के टिकट से दिवंगत मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी चुनावी मैदान में हैं।
उमेश सिंह को बसपा द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने बाद गाजीपुर में सियासी गर्माहट तेज हो गई है। क्योंकि अफजाल अंसारी के सामने दो ऐसे उम्मीदवार खड़े हैं जो अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे हैं। पारसनाथ राय की तरह ही उमेश सिंह को भी पूर्वांचल की राजनीति में कम ही लोग जानते हैं। लेकिन छात्र जीवन से ही उमेश सिंह राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
कौन हैं गाजीपुर से बसपा उम्मीदवार डॉ. उमेश सिंह?
सैदपुर के मुड़ीयार गांव के रहने वाले हैं उमेश सिंह भी पारसनाथ राय की तरह काशी हिंदू विश्वविद्याल से पढ़े हुए हैं। उमेश सिंह पेशे से वकील हैं। गांव में ही उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग से स्नातक किया। उमेश सिंह ने यहीं से एलएलबी और एलएलएम की डिग्री भी हासिल की। इस दौरान उनकी छात्र राजनीति में भी दिलचस्पी जगी और 1991-92 में वह बीएचयू के छात्रसंघ महामंत्री का चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने नेट की परीक्षा भी पास की और लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून (लॉ) में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।
डॉ. उमेश सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि
पढ़ाई पूरी होने के बाद उमेश सिंह ने छात्र युवा संघर्ष मोर्चा भी बनाया और छात्रों के मुद्दों को लेकर आंदोलन करते रहे। उमेश को उस समय के बड़े नेता पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिह के साथ जनमोर्चा में भी कुछ समय साथ काम करने का अवसर मिला था। कुछ समय के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी की। यहीं 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जुड़े रहे हैं। उमेश सिंह की मानें तो वह इस आंदोलन की कोर टीम के सदस्य रहे। इस कोर टीम में अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ,जनरल वीके सिह , प्रो आनन्द कुमार, प्रो योगेंद्र यादव, पूर्व आईपीएस किरण बेदी जैसी शख्सियतें थीं।
2014 के लोकसभा चुनाव में बनारस में अरविंद केजरीवाल के लिए किया प्रचार
डा. उमेश सिंह ने अन्ना आंदोलन के समाप्त होने के बाद अरविंद केजरीवाल की बनाई राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में बनारस में नरेंद्र मोदी खिलाफ अरविंद केजरीवाल के लिए जमकर प्रचार किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल लोकसभा चुनाव लड़ने बनारस आए तो यहां नरेंद्र मोदी से आमने -सामने की टक्कर जैसा माहौल बनाने की मुहिम के सूत्रधार रहे। अरविंद केजरीवाल ने उन्हें आम आदमी पार्टी के बिहार प्रांत का चुनाव प्रभारी भी बनाया था लेकिन बाद के दिनों मे वह पार्टी से यह कहते हुए अलग हो गए कि अरविंद केजरीवाल के कथनी और करनी में बहुत अंतर आ गया है।
गाजीपुर लोकसभा सीट एक नजर में
कुल वोटर: 18,81,077
पुरुष: 10,29,733
महिला: 8,51,285
गाजीपुर लोकसभा 2019 के परिणाम
प्रत्याशी | दल | कुल वोट |
अफजाल अंसारी | बसपा | 5,66,082 |
मनोज सिन्हा | भाजपा | 4,46,690 |
रामजी | सुभासपा | 33,877 |
गाजीपुर लोकसभा 2014 के परिणाम
प्रत्याशी | दल | कुल वोट |
मनोज सिन्हा | भाजपा | 3,06,929 |
शिवकन्या कुशवाहा | समाजवादी पार्टी | 2,74,477 |
कैलाश नाथ सिंह यादव | बहुजन समाज पार्टी | 2,41,645 |
गाजीपुर लोकसभा 2009 के परिणाम
प्रत्याशी | दल | कुल वोट |
राधे मोहन | समाजवादी पार्टी | 3,79,233 |
अफजाल अंसारी | बहुजन समाज पार्टी | 3,09,924 |