चेन्नईः बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन और उनके परिवार पर FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के उल्लंघन के मामले में ₹908 करोड़ का जुर्माना लगाया। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने डीएमके सांसद की ₹89 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की है।
ईडी के बयान के अनुसार, “चेन्नई स्थित एजेंसी ने तमिलनाडु के व्यवसायी और सांसद जगतरक्षकन, उनके परिवार के सदस्यों और संबंधित भारतीय इकाई के खिलाफ फेमा के तहत जांच की। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि जगतरक्षकगन के खिलाफ जांच के बाद 89 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई और 908 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
इसकी जानकारी ईडी ने अपने एक्स पोस्ट में दी। जिसमें लिखा- फेमा की धारा 37ए के तहत जब्त की गई 89.19 करोड़ रुपये की संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया गया था, और 26/08/2024 को पारित न्यायनिर्णयन आदेश के तहत 908 करोड़ रुपये (लगभग) का जुर्माना लगाया गया है।
ED, Chennai had conducted investigation under FEMA against Jagathrakshakan, a businessman from Tamil Nadu and Member of Parliament, his family members and related Indian entity.
— ED (@dir_ed) August 28, 2024
पिछले कुछ महीनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग ने अरक्कोनम सांसद एस जगतरक्षकन के कई संपत्तियों और आवास पर छापेमारी की। पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज अवैध लेनदेन के मामले से जुड़ी 40 से अधिक संपत्तियों की तलाशी ली गई।
डीएमके सांसद के खिलाफ मामला क्या है?
ईडी ने एक बयान में कहा कि 1 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय एजेंसी ने डीएमके सांसद जगतरक्षकन, उनके परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी के खिलाफ फेमा की धारा 16 के तहत फेमा शिकायत दर्ज की।
ईडी का आरोप है कि जगतरक्षकन और उनके बेटे संदीप आनंद ने भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी प्राप्त किए बिना मेसर्स सिल्वर पार्क इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर के क्रमशः 70,00,000 शेयर और 20,00,000 शेयर खरीदे थे।
ईडी ने यह भी कहा कि उनके परिसरों की तलाशी में 20 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी मिली थी, जिसमें उनके एक घर से 5 करोड़ रुपये भी शामिल थे। 89.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश देते हुए केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि यह “फेमा के उल्लंघन में सिंगापुर स्थित एक कंपनी में अवैध रूप से अर्जित, रखी और हस्तांतरित विदेशी सुरक्षा” के मूल्य के बराबर है। ईडी ने कहा कि अवैध रूप से अर्जित शेयरों को एस जगतरक्षकन ने फेमा का उल्लंघन करते हुए अपने परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित किया था।
कौन हैं डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन
76 वर्षीय डीएमके नेता एस जगतरक्षकन तमिलनाडु के अरक्कोणम से सांसद हैं। वह 1999 से इस सीट से तीन बार चुने जा चुके हैं। जगतरक्षकन कई कॉलेजों और अस्पतालों के मालिक हैं। जिनमें श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और डॉ. रेला अस्पताल और संस्थान भी शामिल है।
जगतरक्षकन अपने संपत्तियों में असाधारण वृद्धि के कारण विवादों के केंद्र में रहे हैं। 2009 में, जगतरक्षकन ने अपनी संपत्ति ₹5 करोड़ घोषित की थी, जबकि 2011 में उन्होंने ₹70 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की, जो केंद्रीय कैबिनेट के सभी मंत्रियों में संपत्तियों की सबसे अधिक वृद्धि थी।
2012 में एस जगतरक्षकन पर तमिलनाडु में कोयला घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था, जिसमें उन पर 2007 में अपनी कंपनी को अवैध रूप से कोयले के आवंटन की मंजूरी देने का आरोप था। इसके कुछ साल बाद, एक स्टिंग ऑपरेशन में यह भी खुलासा हुआ कि उनके मेडिकल कॉलेज ने एमबीबीएस छात्रों से अधिक शुल्क वसूला था।
2019 में, श्रीलंका के निवेश बोर्ड ने हंबनटोटा में एक तेल रिफाइनरी खोलने की बहु-अरब डॉलर की योजना की घोषणा की, जिसमें जगतरक्षकन के दो बच्चों और पत्नी को निवेश करने वाली कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल किया गया। बताया गया कि जगतरक्षकन की कंपनी इस परियोजना में 70 प्रतिशत धनराशि का निवेश कर रही है, जिससे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फंड के स्रोत और FEMA उल्लंघनों की जांच शुरू की।