कौन हैं कर्नल वैभव अनिल काले जिनकी गाजा के रफाह में हुई मौत?

एडिट
Who is Colonel Waibhav Anil Kale Ex-Indian Army Officer who died in Rafah Gaza during hamas israel conflict

कर्नल वैभव अनिल काले (Photo: Linkedin/X)

गाजा: इजराइल-हमास संघर्ष के दौरान गाजा के रफाह में रिटायर्ड भारतीय कर्नल वैभव अनिल काले की मौत हो गई है। वे 46 साल के थे और गाजा में संयुक्त राष्ट्र (UN) के लिए काम कर रहे थे।

वे दो महीने पहले ही संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली सुरक्षा और संरक्षा विभाग (UNDSS) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे।

इजराइल और हमास के बीच पिछले एक साल से संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी की मौत होने की यह पहली घटना है। हमले के समय वह गाजा के रफाह शहर में एक गाड़ी पर सवार थे।

अचानक हुए हमले में उनकी जान चली गई है। संयुक्त राष्ट्र और इजराइल दोनों की तरफ से घटना को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

मौत पर संयुक्त राष्ट्र ने मांगी माफी

संयुक्त राष्ट्र ने कर्नल वैभव अनिल काले की मौत पर शोक जताते हुए भारत से माफी भी मांगी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि गाड़ी पर किसी टैंक से गोलीबारी की गई है।

घटना का विवरण अभी भी इजराइली रक्षा बलों के साथ सत्यापित किया जा रहा है। हक ने इजराइल का नाम लिए बिना संकेत दिया कि यह हमला उसकी सेनाओं ने किया है। जॉर्डन ने हमले के लिए इजराइल को दोषी ठहराया है, जिसमें देश की एक महिला घायल हो गई थी।

इजराइली रक्षा बलों ने कहा कि शुरुआती जांच के अनुसार, सोमवार का हमला एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र में हुआ और उन्‍हें गाड़ियों की आवाजाही के बारे में अवगत नहीं कराया गया था।

कौन थे कर्नल वैभव अनिल काले

कर्नल वैभव अनिल काले महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले थे और उन्होंने अपनी पढ़ाई सोमलवार हाई स्कूल से की है। कर्नल वैभव अनिल के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से मानविकी में बीए की डिग्री हासिल की है।

इसके बाद उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से वरिष्ठ रक्षा प्रबंधन में डिप्लोमा भी हासिल किया है। उन्होंने साल 2009 में इंटरनेशनल रेड क्रॉस से इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ में सर्टिफिकेट प्रोग्राम किया था। वे 2012 में भारतीय राष्ट्रीय एकता संस्थान से व्यवहार विज्ञान में एक प्रमाणपत्र कार्यक्रम भी किया है।

सेना में 1998 में शामिल हुए थे कर्नल

साल 1998 में कर्नल वैभव ने भारतीय सेना को ज्वाइन किया था और कश्मीर में 11 जेएके राइफल्स की कमान संभाली थी। उन्होंने महू में सेना के इन्फैंट्री स्कूल में इंस्ट्रक्टर के रूप में भी काम किया है।

उन्होंने भारतीय सेना में बटालियन कमांडर और राइफल कंपनी कमांडर के साथ कई अन्य पदों पर भी काम किया है। साल 2022 में उन्होंने सेना से वीआरएस ले लिया था। उन्होंने सेना में रहते हुए साल 2009 से 2010 तक संयुक्त राष्ट्र के लिए भी काम किया है और वे एक आकस्मिक मुख्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी तैनात किए गए थे।

उनके परिवार में कई लोगों ने सेना को दी है सेवा

लंबे समय से कर्नल वैभव अनिल काले का परिवार सेना को सर्विस देते आ रहा है। उनके भाई ग्रुप कैप्टन विशाल काले ने भारतीय वायु सेना में काम किया है। उनके चचेरे भाई कर्नल अमेय काले सेना में थे और उनके बहनोई विंग कमांडर प्रशांत कार्डे के पद से रिटायर हुए थे।

कर्नल वैभव अनिल काले अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। उनके बेटे का नाम वेदांत और बेटी का नाम राधिका है।

एजेंसी इनपुट के साथ

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article