केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव परिणाम: भाजपा की आशा नौटियाल ने लगायी जीत की हैट्रिक, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी बधाई

आशा नौटियाल की जीत पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा में यह जीत जनता की जीत है। पीएम मोदी ने 2014 की आपदा के बाद बाबा केदार धाम के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण की योजना बनाई। हमारी यह जीत विकास, राष्ट्रवाद, सनातन और सुशासन की जीत है।

एडिट
Kedarnath Upchunav, who is Asha nautiyal, Kedarnath by Election, kedarnath bypoll, asha nautiyal,bjp candidate asha nautiyal, Kedarnath By Election 2024, kedarnath bypoll 2024, Kedarnath Bypoll Result, Kedarnath Bypoll Result 2024, केदारनाथ उपचुनाव 2024, आशा नौटियाल, Congress, BJP, Uttarakhand Politics, kedarnath news,

आशा नौटियाल। फोटोः एक्स (आशा नौटियाल)

हरिद्वारः उत्तराखंड की प्रतिष्ठित केदारनाथ सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सीट पर कब्जा जमा लिया है। भाजपा की प्रत्याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस के मनोज रावत को 5,000 से अधिक वोटों से हराकर शानदार जीत दर्ज की। आशा नौटियाल को कुल 23,130 वोट मिले। इस जीत के साथ ही आशा नौटियाल तीसरी बार केदारनाथ से विधायक बनी हैं। गौरतलब है कि इस सीट पर 20 नवम्बर को मतदान हुआ था।

आशा नौटियाल को जीत की बधाई देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, मैं बाबा केदार और केदारनाथ की जनता को नमन करता हूं कि उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को विजयी बनाया। मैं पीएम मोदी को भी महाराष्ट्र में मिले बहुमत के लिए बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा में यह जीत जनता की जीत है। पीएम मोदी ने 2014 की आपदा के बाद बाबा केदार धाम के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण की योजना बनाई। हमारी यह जीत विकास, राष्ट्रवाद, सनातन और सुशासन की जीत है। हम केदारनाथ सहित पूरे उत्तराखंड के विकास का संकल्प लेते हैं..."

केदारनाथ सीट पर क्यों हुआ उपचुनाव?

केदारनाथ सीट पर उपचुनाव की जरूरत भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण पड़ी। भाजपा ने उनके स्थान पर दो बार की पूर्व विधायक आशा नौटियाल पर भरोसा जताया। वहीं, कांग्रेस ने एक बार फिर से पूर्व विधायक मनोज रावत को मैदान में उतारा। चुनाव में कुल 6 उम्मीदवार थे, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच सिमट गया।

कौन हैं आशा नौटियाल: राजनीतिक सफर और चुनौतियां

25 जून 1969 को उखीमठ में जन्मीं आशा नौटियाल का राजनीतिक सफर 1996 में रुद्रप्रयाग जिला पंचायत सदस्य के तौर पर शुरू हुआ। 2002 और 2007 में वह लगातार केदारनाथ से विधायक रहीं। वह केदारनाथ की पहली महिला विधायक भी बनीं। साल 2012 में वह कांग्रेस की शैलारानी रावत से मात्र 1,900 वोटों से हार गईं। इसके बाद 2017 में टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद भाजपा में उनकी वापसी हुई। 2022 में भाजपा ने शैलारानी रावत को टिकट दिया, जिन्होंने चुनाव जीत लिया। लेकिन, शैलारानी के निधन के बाद उपचुनाव में पार्टी ने एक बार फिर आशा नौटियाल पर भरोसा जताया, और उन्होंने इसे सही साबित किया।

केदारनाथ सीट के चुनावी आंकड़े

इस बार केदारनाथ सीट पर लगभग 90,000 मतदाता थे, जिनमें 44,000 पुरुष और 45,000 से अधिक महिला मतदाता शामिल थे। भाजपा के लिए यह जीत महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह क्षेत्र धार्मिक और राजनीतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। 2017 में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी, लेकिन अब भाजपा ने इसे दोबारा अपने कब्जे में ले लिया।

केदारनाथ सीट से कब किसने जीत दर्ज की

2002, 2007: भाजपा की आशा नौटियाल

2012: कांग्रेस की शैलारानी रावत

2017: कांग्रेस के मनोज रावत

2022: भाजपा की शैलारानी रावत

2024 उपचुनाव: भाजपा की आशा नौटियाल

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article