मुंबई: एड फर्म एगो मीडिया के मालिक और मुंबई के घाटकोपर में बिलबोर्ड गिरने के मामले के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को आखिरकार मुंबई पुलिस ने गुरुवार को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। भावेश भिंडे को पुलिस की ओर से चलाए गए एक टॉप सीक्रेन ऑपरेशन के बाद उदयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। घाटकोपर की घटना के बाद भावेश मुंबई से भागकर उदयपुर आ गए थे। वह उदयपुर के गोवर्धन विलास इलाके में स्थित एक होटल में छिपा हुआ था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोपनीयता बरतते हुए पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर पुलिस को भी इस ऑपरेशन के बारे में कोई भनक नहीं थी। भावेश की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस की टीम उसे मुंबई लेकर चली गई। एगो मीडिया कंपनी के निदेशक भिंडे सोमवार को विशाल बिलबोर्ड के गिरने के बाद से ही फरार थे। 13 मई को हुए इस हादसे में 16 लोगों की जान चली गई और 88 अन्य घायल हो गए।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि भांडुप पुलिस ने भिंडे को ट्रैक करने के लिए कई टीमों का गठन किया था। भिंडे लगातार स्थान बदल रहे थे, जिससे पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा था। आखिरकार, उनका पीछा कर रही क्राइम ब्रांच की एक टीम उदयपुर में भिंडे तक पहुंचने में कामयाब हो गई। भावेश भिंडे को ढूंढने के लिए मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 से ज्यादा टीमें लगाई थीं। कुछ टीमों को गुजरात भेजा गया था और अन्य टीमों को हवाई अड्डे के आसपास तैनात किया गया था।
भावेश भिंडे के खिलाफ रेप सहित कई मामले हैं दर्ज
भावेश भिंडे के खिलाफ पूर्व में भी कई मामले दर्ज हैं। इसमें बलात्कार का भी आरोपर है। इसके अलावा अवैध होर्डिंग लगाने के लिए उसे पहले भी कम से कम 21 बार जुर्माना लगाया जा चुका है। नगर निकाय के अनुसार भिंडे की एजेंसी के पास होर्डिंग लगाने के लिए बीएमसी से अनुमति नहीं थी। इस साल की शुरुआत में भिंडे पर मुलुंड पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन फिर अग्रिम जमानत दे दी गई थी। पुलिस के अनुसार 51 वर्षीय भिंडे और अन्य के खिलाफ पंत नगर पुलिस स्टेशन में गैर इरादतन हत्या और आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घाटकोपर में होर्डिंग गिरने का क्या है मामला?
यह घटना 13 मई की है जब मुंबई में शाम साढ़े चार के बाद अचानक बहुत तेज आंधी- तूफान और बारिश शुरू हो गई। इस बीच कई लोगों ने बारिश से बचने के लिए ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर पेट्रोल पंप के पास शरण ली। यहां उस समय भी काफी भीड़ पहले से थी और लोग ईंधन भरवाने के लिए कतार में लगे हुए थे। इसी समय शाम करीब 5 बजे पेट्रोल पंप के पास में लगा 120×120 वर्ग फुट का एक बड़ा होर्डिंग तेज हवाओं की वजह से नीचे गिर गया।
ऐसे में कई लोग उसके नीचे फंस गए। इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों को चोटें आई। पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और अन्य बचावकर्मियों की मदद से लोगों को बाहर निकाला जाने लगा। घटना में 16 लोगों की मौत हो गई। इन सबके बीच यह जानकारी भी सामने आई कि गिरे हुए होर्डिंग को लगाने के लिए नगरपालिका से लाइसेंस नहीं लिया गया था। यह नहीं, बीएमसी ने 2 मई और फिर 13 मई को होर्डिंग्स को तत्काल हटाने का आदेश भी दिया था। इसके बावजूद इसे नहीं हटाया गया था।