कौन है प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस जिस पर अरविंद केजरीवाल को कथित पॉलिटिकल फंडिंग करने का है आरोप

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Who is banned organization Sikh for Justice sfj which been accused of alleged political funding to Arvind Kejriwal

गुरपतवंत सिंह पन्नू (फोटो- IANS)

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच की सिफारिश की है। उपराज्यपाल के अनुसार, सीएम केजरीवाल पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से कथित पॉलिटिकल फंडिंग का आरोप लगा है।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मामले में विश्व हिंदू महासंघ के आशू मोंगिया ने एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने सीएम केजरीवाल पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने 16 मिलियन डॉलर (लगभग 120 करोड़) फंडिंग प्राप्त की है।

आरोप है कि सिख फॉर जस्टिस ने दिल्ली बम ब्लास्ट के दोषी देवेंद्र पाल भुल्लर को रिहा करने और दिल्ली में आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी समर्थक भावनाओं को समर्थन करने के लिए यह फंडिंग दी है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, दिल्ली सीएम पर यह भी आरोप लगाया गया है कि साल 2014 में न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारे में अरविंद केजरीवाल और खालिस्तान समर्थक समूहों के बीच गुप्त बैठक हुई थी। ऐसे में क्या है यह सिख फॉर जस्टिस और भारत में इसे क्यों बैन किया गया है, आइए जान लेते हैं।

क्या है सिख फॉर जस्टिस

एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 2007 में सिख फॉर जस्टिस की अमेरिका में स्थापना की थी। सिख फॉर जस्टिस अपने'रेफरेंडम 2020' अभियान के तहत पंजाब को भारत से अलग करने की बात करता है।

एसएफजे की एक वेबसाइट भी है जिसमें पंजाब की आजादी की बात कही गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पन्नू अमेरिका में वकालत कर रहा है और वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है।

आईएएनएस के मुताबिक, इस संगठन का मूल उद्देश्य सिखों के लिए अलग देश बनाना है। 2018 में इस संगठन ने पंजाब में बड़ा जनमत संग्रह कराने की बात कही थी, जिसमें दुनियाभर के सिखों से शामिल होने की अपील की गई थी। हिंसा के रास्ते पर चलकर अपनी जान गंवाने वाले लोगों को यह संगठन शहीद का दर्जा देता है।

2019 में एसएफजे पर लगाया गया था बैन

भारत ने साल 2019 में एसएफजे पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस पर अलगाववादी और उग्रवादी विचारधाराओं के कारण आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत बैन लगाया गया था। साल 2020 में केंद्र सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत पन्नुन को आतंकवादी घोषित कर दिया था।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत में पन्नुन और एसएफजे के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।

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