नई दिल्लीः राहुल गांधी अपने अमेरिकी दौरे पर दिए बयानों को लेकर विवादों में आ गए हैं। आरएसस, आरक्षण और सिखों को लेकर दिए बयान के कारण वह भाजपा समेत अन्य दलों के निशाने पर हैं। इस बीच खालिस्तानी आतंकवादी और सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राहुल के एक बयान की तारीफ की है।
एक बयान में पन्नू ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी दौरे के दौरान दिए बयान से एसएफजे के खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान को सही ठहराया है। उसने कहा, राहुल गांधी ने अपने अमेरिकी दौरे पर कहा कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने और गुरुद्वारे जाने की अनुमति मिलेगी।
पन्नू ने अपने बयान में कहा, “राहुल गांधी का सिखों के अस्तित्व पर दिया गया बयान साहसी और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है। 1947 के बाद से सिखों को भारत में लगातार जिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, यह बयान उसी का प्रमाण है। साथ ही यह एसएफजे के पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह अभियान को सही ठहराता है, जिसका उद्देश्य खालिस्तान के रूप में एक सिख राष्ट्र का गठन करना है।”
I agree Rahul Gandhi , Sikh situation in India is bad and thanks for his support to our aim for a separate nation – Gurpantwant Singh Pannu pic.twitter.com/Eycf02QRh2
— Sandeep Phogat (@MrSandeepPhogat) September 11, 2024
राहुल गांधी ने क्या कहा?
वाशिंगटन डीसी के हर्नडन में भारतीय अमेरिकियों की सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को दूसरों से कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में लड़ाई राजनीति के बजाय इस मुद्दे को लेकर है। गांधी ने सभा में एक सिख व्यक्ति से नाम पूछते हुए कहा, “लड़ाई इस बात की है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने और गुरुद्वारे जाने की अनुमति मिलेगी। यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।”
बीजेपी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे “खतरनाक” बताते हुए कहा कि राहुल गांधी विदेशों में “संवेदनशील मुद्दों” पर बात करके एक “झूठा नैरेटिव” गढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सिख समुदाय के बीच झूठ फैलाकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, जिनका भारत से सीधा संबंध नहीं है।
पुरी ने कहा, “मैं राहुल गांधी द्वारा सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने की अनुमति नहीं मिलने के बारे में दिए गए बयान की कड़ी निंदा करता हूँ। उनके इस बयान से उन्होंने देश, उसकी न्यायिक और चुनावी प्रणाली पर सीधा हमला किया है।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस के शासनकाल में हुए 1984 के एंटी-सिख दंगों का उल्लेख करते हुए कहा, “अगर हमारे इतिहास में कोई ऐसा समय था जब सिख समुदाय ने चिंता, असुरक्षा और अस्तित्व संकट महसूस किया, तो वह राहुल गांधी के परिवार के सत्ता में होने के दौरान था।”
पुरी ने 1984 की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय सिख समुदाय के खिलाफ एक हिंसा अभियान चलाया गया था। जिसमें लगभग 3,000 निर्दोष लोगों की हत्या की गई। लोगों को उनके घरों से बाहर खींचा गया, उनके चारों ओर टायर डाले गए और उन्हें जिंदा जलाया गया।
पुरी ने कहा कि यही एक ऐसा समय था जब सिखों को अपनी पगड़ी के लिए संकट का सामना करना पड़ा। राजीव गांधी के बयान के बाद कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिल जाती है, सिखों को अस्तित्व संकट का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, 1984 के दंगों के दौरान, मेरे कई दोस्तों ने डर के मारे अपनी पगड़ी उतार दी और दाढ़ी बनवा ली क्योंकि वे हमले का शिकार हुए थे।